ई-कॉमर्स में अब 100 फीसदी FDI
नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को ऑनलाइन खुदरा बाजार मंच के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है। सरकार का कहना है कि इसका मकसद देश में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकषिर्त करना है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट है कि माल रख कर ई-कामर्स के जरिए उसकी खुदरा बिक्री के मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी। गौरतलब है कि वैश्विक ऑन लाइन खुदरा कंपनियां आमेजन और ईबे आदि भारत में ऑनलाइन मार्केट मंच का परिचालन कर रही हैं।
इस क्षेत्र में फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियों में भी विदेशी कंपनियों का निवेश है। पर विभिन्न ऑनलाइन रिटेल मॉडलों में एफडीआई को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं था। स्पष्टता लाने के लिए डीआईपीपी ने ई-कामर्स को इन्वेंटरी यानी माल का भंडार कर किया जाने वाला ऑनलाइन खुदरा कारोबार और खुदरा कारोबार के लिए ऑनलाइन बाजार का मंच चलाने का माडल के रूप में परिभाषित भी किया है।
मार्केट प्लेस मॉडल से तात्पर्य किसी ई-कामर्स इकाई द्वारा डिजिटल और इलेक्ट्रानिक नेटवर्क पर आईटी प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है। इस माडल में ई-कामर्स इकाई क्रेता-विक्रेता के बीच केवल संपर्क की भूमिका निभाएगा। इन्वेंटरी ऑडल से तात्पर्य उन ई-कामर्स गतिविधियों से है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं का भंडार ई-कामर्स इकाई के पास है और इसे उपभोक्ताओं को सीधे बेचा जाता है। दिशानिर्देश में हालांकि कहा गया है कि ई-कामर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 प्रतिशत से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी। डीआईपीपी ने कहा कि नीति में स्पष्टता के लिए ई-कामर्स क्षेत्र में एफडीआई पर दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।