लुप्तप्राय लोक कलाओं एवं विधाओं का विकास करें: राम नाईक
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद शाषी निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केन्द्र को अधिक गतिशील बनाने के लिए एक माह में प्रशासनिक सुधार के लिए प्रस्ताव भेजें। कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वे केन्द्र के कर्मचारियों से व्यक्तिगत मिलकर उनका पक्ष जानने के बाद निर्णय लेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल के प्रयासों से पूर्व की दरों में कटौती कर नये दरें निर्धारित की गयी थी जिससे कलाकारों को सुविधा हो तथा सांस्कृतिक केन्द्र की आय भी बढ़ सके।
शाषी निकाय की बैठक में सभी पदाधिकारियों की सहमति से निर्णय लिया गया कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र स्वांग, नौटंकी, नगाड़ा, मुनादी जैसी अन्य लुप्तप्राय लोक कलाओं एवं विधाओं पर विचार करके उनके विकास के लिए प्रस्ताव बनाये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि केन्द्र द्वारा कठपुतली महोत्सव का भी आयोजन किया जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अपने-अपने राज्यों के दूरदर्शन केन्द्र का भी सहयोग लिया जाये। उन्होंने लोक कला के प्रोत्साहन करने हेतु कहा कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द के अंतर्गत आने वाले सभी राज्य अपने-अपने क्षेत्र से दो-दो स्थानीय कलाकार भेजने के संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजे।
बैठक में उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के अध्यक्ष नावेद सिद्दीकी, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक श्री गौरव कृष्ण बंसल, सचिव संस्कृति अनीता मेश्राम, कमल गुप्ता हरियाणा से विधायक, डाॅ0 वाई0पी0 सिंह निदेशक अयोध्या शोध संस्थान तथा हरियाणा, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश राज्यों के सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर पार्किंग, शौचालय विशेष रूप से दिव्यांगों के उपयोग के लिए बनाये जाने वाले शौचालय, कलाकारों के ठहरने की व्यवस्था व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विनिमय किया। बैठक में पूर्व बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि भी की गयी।