दो परिवारों पर भारी पड़ गया गतिमान का सातवां ट्रायल
ट्रेन की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत, इंजन में आयी खराबी
नई दिल्ली: दिल्ली-आगरा के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन गतिमान का सातवां ट्रायल मंगलवार को दो परिवारों पर भारी पड़ गया। दिल्ली से आगरा तक तो ट्रेन बिना किसी गड़बड़ी के आ गई, लेकिन वापसी के दौरान आगरा से मथुरा जाते वक्त रुनकता के पास ट्रेन की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद आगरा-मथुरा के बीच पेंटो में खराबी आ गई ट्रेन को मथुरा तक डीजल इंजन लगा कर रवाना किया गया। वहां से दूसरा इंजन लगा ट्रेन दिल्ली भेजी गई।
दिल्ली-आगरा के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन गतिमान का सातवां ट्रायल मंगलवार को किया गया। ट्रेन सुबह 8.05 बजे दिल्ली से आगरा को रवाना होकर 10.50 बजे आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची। आगरा कैंट से 10.50 बजे ट्रेन वापस दिल्ली को रवाना हुई। यहां से रवाना होने के कुछ देर के बाद ही रुनकता के पास खेलते-खेलते रेलवे लाइन पर पहुंच गए दो बच्चे 11 वर्षीय अरविंद पुत्र महेश और आठ साल का छोटू पुत्र मुकेश गतिमान एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गए।
इनकी मौके पर ही मौत हो गई। दोनों बच्चे नगला जऊपुरा, पनवारी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इधर मथुरा जंक्शन से पहले ही अड़ूकी के पास खंभा संख्या 1393/ 22 पर 11.47 बजे ट्रेन का पैंटो में खराबी आ गई। इसकी जानकारी पर मथुरा जंक्शन से डीजल इंजन भेजा गया। डीजल इंजन एक बजे ट्रेन को मथुरा जंक्शन तक खींच कर ले गया। वहां पर दूसरा पैंटो चालू कर गतिमान को दिल्ली के लिए रवाना किया गया।
गतिमान के ट्रायल के दौरान हादसे में दो बच्चों की मौत और फिर ट्रेन के पैंटो में खराबी आने की घटना की रेलवे जांच कराएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने जांच के आदेश दिए हैं। इधर डीआरएम कार्यालय ने भी गड़बड़ी की जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया है। यह टीम दोनों मामलों की जांच करेगी।
गतिमान ने मंगलवार को दिल्ली से आगरा आते वक्त अपना सफर 110 मिनट में तय किया। हालांकि दिल्ली जाते वक्त दुर्घटना और गड़बड़ी के कारण ट्रेन को लंबा वक्त लग गया। गतिमान में सवार होकर आगरा पहुंचे रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल ट्रेन का समय 110 मिनट मान कर इसे चलाने की तैयारी है।