मुसलमानों को कब तक भाजपा के नाम से डराएगी सपा: पाठक
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि भाजपा का डर दिखा कर कब तक मुसलमानों को अपने पाले में रख पायंेगे सपाई। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा भाजपा का डर दिखाने के बजाय भरोसा जीतने का काम करें। मोदी सरकार पर हमलावर सपाई अपनी नीतियों पर पुनः-र्विचार करें, आखिर क्या कारण है कि मजहबी सियासत के बावजूद समाज अलग हो रहा है। लोगों में निराशा का वातावरण है, रोजगार से लेकर शिक्षा तक के मामलों पर सरकार फेल हो रही है, यहां तक कि अल्पसंख्यक कल्याण के नाम पर आवंटित बजट भी खर्च नहीं हो पा रहा है।
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर हज यात्रियों के चयन के दौरान आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विजय बहादुर पाठक ने कहा कि किसका ग्राफ तेजी से गिर रहा हैं स्वयं देख ले। अल्पसंख्यक कल्याण के ढे़रो उपलब्धियां गिनाते मुख्यमंत्री कह रहे है कि मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक कल्याण महकमे के रिक्त पदों का जल्द ही नियुक्तियां कराई जायेगी। किन्तु 4 वर्षो तक रिक्त पदों को लेकर सरकार का नकारात्मक रवैया क्यों रहा ? रिक्त पदों को भरने के लिए क्या अब तक इंतजार हो रहा था कि जब सरकार कार्यकाल के अंतिम वर्ष में हो तभी वाहवाही लुटने के लिए प्रयास किये जायेंगे ?
उन्होंने कहा शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की बात करने वालों के राज्य में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हुई, नकल मफियाओं के भरोसे पूरी परीक्षा प्रणाली रही। अल्पसंख्यकों को मिलने वाली वजीफे तक की राशि का समय से भुगतान नहीं हुआ जहां तक रोजी-रोजगार का सवाल है, वादों में ही दिखाई दे रहा है। राज्य में नौकरियां विवाद की जद में है। बेरोजगारी भत्ता बट नहीं रहा है। हमारी बेटी उसका कल तक की योजनाएं चालू होने के बाद बंद हो गयी।
श्री पाठक ने कहा कि ग्राफ गिरने का भय लगातार सपाईयों के बयान से परिलक्षित हो रहा है इसीलिए सार्वजनिक मंच से माँफी नामा पढ़े जा रहे है। तभी तो भाजपा का डर दिखा आजम खां माफीनामे की मार्केटिंग वोट के लिए कर रहे है। भाजपा की नीतियांे का आमजन में भरोसा बढ़ा है। मोदी सरकार के कार्य सबका साथ-सबका विकास का साकारीकरण लोगों को लुभा रहा है इसीलिए अब सतर्क रहने का पाठ पढाये जाने की कोशिश हो रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वोट बैंक की सियासत में जुटे सपाई जनता को गुमराह करने के बजाय बेहतर हो काम करके दिखाये, वादे पूरे हुए नहीं उल्टा पूरे होते वादे के नारे दे रहे है।