लखनऊ। हालाँकि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में करीब एक साल का समय बचा है लेकिन चुनावी सर्वेक्षणों का क्रम अभी से शुरू हो गया है।एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश की जनता अखिलेश यादव सरकार से खुश नहीं हैं और अगर आज की तारीख में चुनाव करवाएं  जाएं तो मायावती के नेतृत्व में बसपा प्रदेश में सरकार बनाएगी।

एक न्यूज चैनल की तरफ से कराए गए सर्वे में कहा गया है कि अगर चुनाव आज की तारीख में कराए जाएं तो मायावती की बसपा 185 सीटों के साथ प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। हालांकि यह 403 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत से 17 सीट कम है। ऐसे में बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए मायावती की बसपा को गठबंधन की जरूरत होगी।

सर्वे में एजेंसी नीलसन ने अपने रिसर्च के बाद दावा किया गया है कि यूपी के कुल 403 सीटों पर मार्च 2016 में चुनाव हो तो बसपा को 185 सीट मिल सकती है। इस सर्वे में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर बीजेपी है और इसे 120 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। जबकि सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी को 80 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। 

वर्तमान विधानसभा में सपा के 228, बसपा के 80 और भाजपा के पास 42 विधायक हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की पसंद में कड़ी टक्कर के बावजूद अखिलेश यादव पर मायावती भारी पड़ती दिख रही हैं। 31 फीसदी लोग मायावती तो 30 फीसदी ने अखिलेश यादव के साथ है।

19 फरवरी से 1 मार्च के बीच उत्तर प्रदेश के 61 सीटों पर किए गए सर्वे में कुल 19 हजार 572 वोटरों की राय लेने की बात कही गई है। इस सर्वे में बीजेपी और उसके सहयोगी अपना दल को 120 सीटें मिलने की बात कही गई है। कांग्रेस और आरएलडी को सर्वे में नुकसान की बात कही गई है। साल 2012 में कांग्रेस के 29 और आरएलडी के 8 विधायक बने थे। दोनों दलों को इस बार एक साथ 13 सीटें मिलने का अनुमान है।

सर्वे के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरेगी। 29 फीसदी लोगों ने इसे सबसे बड़े चुनावी मुद्दे के तौर पर कबूल किया है। वहीं महंगाई को 22 फीसदी, भ्रष्टाचार को 17 फीसदी व गरीबी को 15 फीसदी लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा बताया है। सर्वे के मुताबिक अयोध्या, मथुरा और काशी में मंदिर निर्माण के बारे में 47 फीसदी ने कहा कि यह धार्मिक मुद्दे चुनाव में यह नहीं चल सकेगा। हालांकि 34 फीसदी लोगों के मुताबिक यह चुनावी मुद्दा हो सकता है। वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कामकाज पर महज 32 फीसदी जनता ने ही संतोष जताया और उनके कामकाज को बहुत अच्छा बताया। जबकि 25 फीसदी लोगों ने अच्छा और 29 फीसदी लोगों ने औसत करार दिया है।