लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने दिव्यांग बच्चों के उत्थान हेतु कार्य करने वाली संस्था दृष्टि सामाजिक संस्थान द्वारा आज पर्यटन भवन में आयोजित प्रथम ‘नीता बहादुर सम्मान‘ समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव अपने-अपने स्तर से दिव्यांगों के लिए काम कर रहे हैं। कारपोरेट एवं निजी क्षेत्र के लोग दिव्यांगों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध करायें। ‘मैंने चालीस साल तक कुष्ठ पीडि़तों के लिए काम किया है। दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की चिन्ता स्वाभाविक है कि उनकी मृत्यु के उपरान्त उनके बच्चों का क्या होगा। यह बात मेरे सामने आयी है, मैं निश्चित रूप से इस बात को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक ले जाऊंगा।‘ उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता की समस्या का भी समाधान होना चाहिए।

राज्यपाल ने सम्मान समारोह में पर्वतारोही सुश्री अरूणिमा सिन्हा को संस्था की ओर से एक लाख रूपये, दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाये गये अंग वस्त्र तथा ट्राफी देकर सम्मानित किया। समारोह में बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ0 बृजेश कुमार एवं संयुक्त निदेशक विकलांग जन कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश श्री अखिलेन्द्र कुमार को भी पचास-पचास हजार रूपये, अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मान राशि पाने वाले तीनों लोगों ने दिव्यांग बच्चों के उपयोग के लिए पुरस्कार राशि संस्था को समर्पित कर दी। समारोह में न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना, डाॅ0 सुनील प्रधान सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। समारोह में संस्था की संस्थापिका स्व0 नीता बहादुर पर एक डाक्यूमेंटरी फिल्म भी दिखायी गयी।

श्री नाईक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ऐसे लोगों को विकलांग नहीं दिव्यांग कहो क्योंकि इनमें कुछ विशेषता होती है। कभी-कभी दृष्टिहीनों को जो दिखता है वह शायद आँखों वालों को नहीं दिखता। दिव्यांगों को समाज का अंग बनाने की जरूरत है। उन्होंने विशेष बच्चों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि परिवार के लोग थक जाते हैं मगर ईमानदारी से काम करने वाली ऐसी संस्थाएं बच्चों के लिए काम करती हैं। इन संस्थाओं का कार्य अभिनन्दनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम दूसरे के मन में कुछ करने की चेतना उत्पन्न करते हैं।

कार्यक्रम में न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना व डाॅ0 सुनील प्रधान ने भी अपने विचार रखे। विशेष बच्चों ने समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। राज्यपाल ने बच्चों द्वारा निर्मित उत्पाद की प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं प्रशंसा भी की।