राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को मिली प्रमाणिकता
लखनऊ: प्रदेश के युवाओं को कौशल उन्नयन के उपरान्त रोजगार दिलाकर उनका आर्थिक एवं सामाजिक सुदृढ़ीकरण करने के इस प्रयास को सम्पूर्ण भारत वर्ष में प्रमाणिकता मिली, जब आज नई दिल्ली के शांग्री-ला होटल में आयोजित कार्यक्रम में उ0प्र0 कौशल विकास मिशन को ‘बेस्ट स्टेट इन स्किल डेवलपमेन्ट‘ श्रेणी के अन्तर्गत सर्वोत्तम राज्य का पुरूस्कार दिया गया। ’समिट कम अवाॅर्ड्स आन स्किलिंग इण्डिया- द वे फारवर्ड’ नाम के इस कार्यक्रम का आयोजन वर्तमान परिदृश्य में कौशल विकास के नूतन प्रयासों को गति प्रदान करने तथा इस क्षेत्र में अभी तक किये गये कार्य को मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से एसोसिएटेड चेम्बर्स आफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री आॅफ इण्डिया (एसोचैम) के द्वारा किया गया था। भारत सरकार के कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री श्री राजीव प्रताप रूडी द्वारा पुरूस्कारों का वितरण किया गया। मिशन की ओर से श्री भुवनेश कुमार, सचिव, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग तथा मिशन निदेशक श्री सुरेन्द्र सिंह ने पुरूस्कार ग्रहण किया।
यह जानकारी सचिव व्यवसायिक एवं कौशल विकास भुवनेश कुमार ने आज यहाॅ दी
ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 सरकार द्वारा जुलाई 2013 में कौशल विकास नीति जारी की गई। इस नीति को लागू करने े लिए उ0प्र0 कौशल विकास मिशन की स्थापना की गई। दिनंाक 21 दिसम्बर 2013 को मुख्य मंत्री के द्वारा मिशन के माध्यम से प्रदेश के 14 से 35 आयुवर्ग के युवाओं- विशेष कर कम पढ़े लिखे, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, विकलांगांे को अल्पकालीन रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण दिलाने और प्रशिक्षणोपरान्त सेवायोजन दिलाने में यथासम्भव सहायता करने की योजना का विधिवत शुभारंभ किया गया।
योजना के प्रारम्भ में प्रदेश स्तर पर वृहद जागरूकता अभियान चला कर लगभग 46 लाख ऐसे युवाओं, जो कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ लेना चाहते थे, को मिशन के पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अनुभवी प्रशिक्षण प्रदाताओें को मिशन से आबद्ध किया गया है। अभी तक कुल 144 निजी प्रशिक्षण प्रदाता, 142 राजकीय प्रशिक्षण प्रदाता और 15 औद्योगिक प्रतिष्ठानों को फ्लैक्सी एम0ओ0यू0 के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदाताओं के रूप में आबद्ध किया जा चुका है।