वादों की लफ्फाजी से भरे रहे सपा सरकार के 4 वर्ष: भाजपा
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश राज के 4 वर्षो को निराशाजनक, जनता के टूटते भरोसे और वादो की लफ्फाजी से भरा बताया। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस की इकबाल बहाली की बात करने वालो ने पुलिस के इकबाल को ध्वस्त किया। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती सरकार ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर धोखा दिया। वादों से पीछे हटने की राजनीति को अक्षम अपराध मानने की बात करने वाले जानबूझ कर अक्षम अपराध करते रहे, अब नए इरादों के नाम पर नए वादों का मुलम्मा चढ़ा बरगलाने की कोशिश करने में जुटे है।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर अखिलेश सरकार के 4 वर्षो के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा वादों से पीछे हटती सपा सरकार ने चार वर्षो में जनता का भरोसा खोया है। कानून व्यवस्था व बिजली की शीर्ष प्राथमिकता बताने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोनों ही मोर्चो पर पूरी तौर पर नाकाम साबित हुए है। 20 से 22 घण्टे बिजली देने का वादा करने वाले एक बार फिर वादे के सहारे काम चलाने की जुगत में है। पुलिस के इकबाल बहाली का आलम है कि अखिलेश की पुलिस लूट रही, पिट रही है, निरीहो, गरीबो को लूट रही, पीट रही है। सत्ता गठन के दिन से सरकार के कम होते इकबाल की स्थिति यहां तक पहुंच गयी है कि राजधानी लखनऊ में अराजक तत्वों द्वारा पुलिस की हत्यायें कि जा रही है। महिला सुरक्षा के मोर्चे पर पुरी तौर पर नाकाम सरकार के दावों से इतर हकीकत है। राज्य में गंभीर मामलों में भी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो रही, बेटियों की आन-जान के दुश्मन बने लोगो के प्रति पुलिसिया तंत्र का समर्थन है, पीडि़त पक्ष थाने से भगाये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। भ्रष्टाचारियों को समर्थन और पोषण करने की सपाई नीति के तहत यादव सिंह जैसे लोगों का विस्तार हुआ। अखिलेश सरकार ने कहा था कि ‘‘बसपा के पांच साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए आयोग बनेगा, निश्चित समय सीमा में जांच करेगा’’। किन्तु माया राज के घोटालों के प्रति पूरी तौर पर नरम सपा सरकार ने न सिर्फ आयोग के गठन पर चुप्पी साधी वरन बसपा से जुड़े नेताओं की लोकायुक्त की जांच रिपार्ट को ही ठण्डे बस्ते में डाल दिया।
श्री पाठक ने कहा किसान और मुसलमान को सरकार के गठन का श्रेय देते सपाईयों ने उनकी सुध नहीं ली, वादा किया था उपज की लागत मुल्य तय करने के लिए आयोग के गठन का, कहा तीन माह में आयोग बनेगा, लागत मूल्य का 50 प्रतिशत जोडकर जो राशि आयेगी, उस आधार पर फसलों का समर्थन मूल्य होगा, इसी के आधार पर खरीद सुनिश्चित की जाएगी। किन्तु लगातार गेहूॅ, धान की खरीद घटती गयी, गन्ना किसान भुगतान के लिए जूझ रहा हैं। न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद सरकार मील मालिकों के समर्थन पाले में खड़ी दिखाई देती है। किसानों के कर्ज माफी की घोषणा करने वालों के राज्य में कर्जे किसके माफ हो रहे है यह तो सरकार जाने, किन्तु कर्ज के बोझ से दबा किसान अखिलेश राज्य में आत्महत्या को मजबूर है। अल्पसंख्यकों का हाल ये है मजहब के नाम पर मुसलमान बालिकाओं को शिक्षा ग्रहण अथवा विवाह हेतु 30 हजार रूपये देने का वादा कर सपाई मुकर गये ।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा बीपीएल परिवारों की सभी महिलाओं को दो-दो साड़ी, बुजुर्गो को एक कम्बल दिये जाने की योजना परवान ही नहीं चढ़ पायी। हर बार बजटीय प्रावधान तो हुए पर सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण एक भी पैसा इस मद में खर्च नहीं हुआ, लोग तकते रह गये। पेंशन योजना को कायाकल्प बताने वाले मुख्यमंत्री लगातार जनता को गुमराह कर रहे है, पहले जितना लक्ष्य रखा दे नहीं पाये अब नये इरादे के तहत लक्ष्य बढ़ाये गये हैं, क्यों कि आखिर ढपोरसंख की तरह बोलना ही तो है।
उन्होंने कहा झूठ और लफ्फाजी का सहारा ले बेरोजगारी भत्ता, बारहवीं पास सभी विद्यार्थियों को एक-एक लैपटाप, कक्षा 10 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को एक-एक टैबलेट, लड़कियों के लिए कन्या विद्या धन देने का वादा करने वालेे इससे मुहँ मोड़ते गये।
श्री पाठक ने कहा राज्य के किसी हिस्से में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की जाती है, या दंगा फसाद होते है तो सम्बन्धित जिलो के. जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी तथा दंगों में शामिल और दंगो को भड़काने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की बात करने वाले लोगों की मुजफ्फरनगर में भूमिका को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने टिप्पर्णियां की, 400 से अधिक साम्प्रदायिक तनाव की घटनाऐं हुई।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के हर क्षेत्र में विफल अखिलेश सरकार जनता के भरोसे पर खरी नहीं उतरी, वादों के मोर्चे पर पूरी तौर पर विफल साबित हुई। राज्य में जनप्रतिनिधियों का बुराहाल है मंत्री, विधायक तक मुख्यमंत्री से मिलने को तरस्ते है जन सुनवाई के मोर्चे पर पूरी तौर पर सरकार ने निराश किया है। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, जातिवाद, भ्रमित नौकरशाही अखिलेश सरकार की पूंजी बने हैै। विकास की योजनाओं में पैसा न खर्च हो पाने के कारण राज्य का विकास अवरूद्ध है।