बाज़ार से पैसा नहीं जुटा सकेंगे विलफुल डिफॉल्टर
नई दिल्ली: जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों (विलफुल डिफॉल्टरों) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए बाजार नियामक सेबी ने आज उन्हें स्टॉक तथा बांडों के जरिये सार्वजनिक धन जुटाने से प्रतिबंधित करने का फैसला किया।
इसके साथ ही सेबी ने तय किया है कि ऐसे लोग सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में कोई पद नहीं ले सकेंगे। सेबी के इस कदम से इन दिनों संकट में चल रहे विजय माल्या विभिन्न पदों के पात्र नहीं रह जाएंगे।
इसके साथ ही सेबी ने इस तरह के चूककर्ताओं को म्यूचुअल फंड व ब्रोकरेज फर्ज जैसी बाजार मध्यस्थ इकाइयां स्थापित करने से रोक दिया है। उक्त डिफॉल्टरों को किसी सूचीबद्ध कंपनी का नियंत्रण लेने की अनुमति भी नहीं होगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का यह कदम इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि यूबी ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या बड़ा विवाद चल रहा है। माल्या पर विभिन्न बैंकों का 9000 करोड़ रपये से अधिक का कर्ज बकाया है और वह देश से बाहर चले गए हैं।
सेबी के निदेशक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक के बाद चेयरमैन यूके सिन्हा ने कहा कि विलफुल डिफॉल्टारों पर रोक लगाने संबंधी नए नियम अधिसूचित होन के बाद अस्तित्व में आ जाएंगे।
सिन्हा ने कहा, अधिसूचना के बाद, (इस तरह के) सभी व्यक्ति किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में किसी तरह का पद नहीं ले सकेंगे। उक्त नियम भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के तहत विलफुल डिफॉल्टर घोषित प्रत्येक व्यक्ति व कंपनी पर लागू होगा।