मैं से हम तक जाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की जरूरत
नई दिल्ली। यमुना किनारे आज से शुरू तीन दिवसीय वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के शुभारंभ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कला का कुंभ मेला है। आर्ट ऑफ लिविंग की वजह से विश्व में भारत की अलग पहचान है। पीएम ने कहा कि मैं से हम तक जाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की जरूरत है।
पीएम ने कहा कि भारत के पास विश्व को देने के लिए बहुत कुछ है। भारत ने उपनिषद से लेकर उपग्रह तक की यात्रा की है। पीएम ने कहा कि तन को डोलाने वाला संगीत तो हर जगह भरा पड़ा है, लेकिन मन को डोलाने वाला संगीत सिर्फ भारत में है। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर जी का अभिनंदन भी किया।
यमुना के तट पर पीएम मोदी ने दुनिया के 155 देशों से आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप सभी महानुभावों का मैं भारत की धरती पर स्वागत करता हूं। भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, विश्व को देने के लिए इसके पास क्या कुछ नहीं है। दुनिया सिर्फ आर्थिक हितों से जुड़ी हुई नहीं है, दुनिया मानवीय मूल्यों से भी जुड़ सकती है, दुनिया को मानवीय मूल्यों से जोड़ा जाना चाहिए। भारत के पास सांस्कृतिक विरासत है और दुनिया को इस विरासत की तलाश है। दुनिया की इस जरूरत को हम पूरा कर सकता है लेकिन हम यह तभी कर सकते हैं जब हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व हो। यदि हम अपनी विरासत को कोसेंगे तो तो दुनिया हमारी तरफ क्यों देखेगी।’
अपनी मंगोलिया दौरे का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘वहां आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों से मेरी मुलाकात हुई। वहां आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों में मंगोलिया के नागरिक ज्यादा थे। उनके हाथों में तिरंगा था, यह सब प्रेरित करने वाला था।’ आर्ट ऑफ लिविंग ने दुनिया को जोड़ने में मदद की है।