जुर्माना भरने से श्री श्री का साफ़ इंकार
नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना किनारे ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के तीन दिवसीय कार्यक्रम को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की ओर से लगाए गए 5 करोड़ रुपए के जुर्माने पर श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि वह कोई जुर्माना नहीं देंगे, भले ही उन्हें जेल जाना पड़े। पांच साल पहले हमने जर्मनी के बर्लिन में ऐसा ही कुछ किया था। इस समाज में कुछ फूट पड़ गई है जहां हम एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते। यह इवेंट लोगों के लिए मरहम का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि जितने भी प्रोटेस्ट हो रहे हैं उनके खिलाफ, वे राजनीति से प्रेरित हैं और गढ़े गए हैं। उन्होंने कहा, हमें सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा चाहिए था, और हमने कहा था कि हम यहां झाड़ू लगाएंगे और एक इवेंट करेंगे। भारत में यदि आप सारे नियमों का पालन करेंगे तो भी आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है। हमारे पास हर चरण की तस्वीरें हैं और हम यह कोर्ट के सामने पेश करने वाले हैं।
हमने पूरी दुनिया को कार्यक्रम के बारे में बता दिया है, लाखों लोग आने वाले हैं। अगर कोई यह कहता है कि सांस्कृतिक आयोजन पुनर्निमाण नहीं है तो इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात कोई और है नहीं। यह विश्व सांस्कृतिक आयोजन है, यह लोगों के लिए आयोजित किया जा रहा है। पुल केवल सिक्यॉरिटी के लिए बनाए गए हैं जिन्हें लेकर मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे खुशी है कि अब यमुना के आसपास कोई बदबू नहीं आ रही है जोकि हमारे यहां पहुंचने के वक्त थी।
वैसे विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सशर्त मंजूरी दे दी है। कार्यक्रम शुरू होने से पहले आर्ट ऑफ लिविंग संस्था को अग्निशमन विभाग से मंजूरी लेनी होगी और कार्यक्रम स्थल के ढांचे की स्थिरता सुनिश्चित करनी होगी। श्री श्री रविशंकर ने एनजीटी के इस आदेश पर असंतोष जाहिर हुए कहा कि वह इसके खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं। हम अपील करेंगे।’