मृत्यु की तरह कांग्रेस भी कभी बदनाम नहीं होती, राज्यसभा में मोदी का तंज़
नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया। मोदी ने संसद चलने देने के लिए विपक्ष का आभार जताया। साथ ही कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वो चाहे जो करे, उसे बदनामी नहीं मिलती। पीएम ने विकास पर अपने भाषण को केंद्रित रखते हुए सरकार की उपलब्धियों का सामने रखा।
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करने के साथ-साथ सदन के सदस्यों से कहना चाहूंगा कि सदन के सभी लोग सक्रिय हैं। हम सदन की कार्यवाही की सीमा में जीतने मुद्दे आ सके, उस पर बात करें। राष्ट्रपति के अभिभाषण को सर्वसम्मति से हम पारित करें तो अच्ची परंपरा जारी रहेगी।
कल रात सदन 12 बजे तक चला था, उससे पहले भी देर तक 2 दिन चला, ऐसे में सब थक जाते हैं लेकिन सब प्रसन्न थे क्योंकि उनको अपने अपने इलाके की बात कहने का मौका मिला। प्रश्नकाल सदन के सदस्यों की संपत्ति होती है, सबसे ताकतवर जगह है प्रश्नकाल।
कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा कि मृत्यु एक वरदान है और कभी बदनाम नहीं होती। कभी मृत्यु पर आरोप नहीं लगते। कांग्रेस को यही वरदान है। मीडिया में आप देखते हैं कि कभी कांग्रेस को कुछ कहे तो आप लिखते हैं कि विपक्ष पर हमला और कभी मायावती को कुछ कहें तो आता है कि बसपा पर हमला। ऐसा कांग्रेस के साथ नहीं है।
गुलाम नबी जी ने आज चेन्नई की दर्दनाक घटना का उदाहरण दे दिया, इस पर मज़ाक करने से मैं समझता हूं कि उनकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैं गुलाम नबी आज़ाद और उनके साथियों से आग्रह करूंगा के कम से कम 30 प्रतिशत अनपढ़ लोगों को टिकट दें तब पता चलेगा। अनपढ़ होने का कारण ये है कि आज़ादी के बाद हमारी कमियां रही हैं,इस पर हमें चिंता करने की ज़रूरत है।
पहले आकाशवाणी रेडियो पर एक कार्यक्रम चलता था बिसरते सुर, भूले बिसरे गीत। अब कुछ लोगों का कार्यकाल पूरा हो रहा है तो स्वाभाविक है कि भूले बिसरे सुर आखिर में सुनाई देंगे।
इस सदन में महाजन बैठे हैं। यहां जो होगा उसका असर लोकसभा में होगा और कॉर्पोरेशन में भी हो रहा है। देश इंतज़ार कर रहा है कि हमारे बिल पारित हों, जीएसटी पर चर्चा हो रही है। दोनों सदनो में तालमेल ज़रूरी है।
मोदी ने कहा, मैं गुलाम नबी जी का आभारी हूं। जो एक विपक्ष को करना चाहिए वही उन्होंने किया। भोपाल में मुआवज़े को लेकर जो आंकड़े थे उसे निकाल लाए। यही सही प्रयास है। विपक्ष सतर्क रहा। देखा, कितनी मेहनत की, बाल की खाल उधेड़ी। इतना काम सत्ता में रहते किया होता तो ये जन धन मेरे पल्ले नहीं आता। माइक्रोस्कोप लेकर देख रहे हैं कि मोदी ने क्या काम किया।
पीएम ने कहा, आज हम गंगा सफाई करते हैं तो स्वाभाविक तौर पर आपकी ओर से आवाज़ उठेगी ये तो हमने शुरू किया। बात भी सही है कि राजीव गांधी ने शुरू किया, श्रेय लेने का प्रयास बुरा नहीं है, लेकिन जवाब भी देना पड़ेगा कि अगर शुरू किया तो 30 साल बाद भी गंगा गंदी क्यों है। दो तरह के लोग होते हैं, एक वो जो काम करते हैं और एक वो जो इसका क्रेडिट लेते हैं। स्किल डेवलपमेंट की बात 2008 में हुई थी। 2013 में स्किल डेवलपमेंट हमने तय कर दिया। पिछली सरकार को ज्ञान तो बहुत था लेकिन करने की प्रवृति नहीं थी।
मोदी ने कहा, मैं मनमोहन सिंह की तरह इकोनॉमिस्ट नहीं हूं इसलिए उनकी तरह ज्ञानी नहीं हूं, लेकिन मैं भी कुछ चीजें जानता हूं। हमने कोका कोला को कहा कि आप इसमें 5 प्रतिशत संतरा जूस मिक्स करिए, इससे हमारे किसानों की हालात में सुधार होगा। हमने वैल्यू एडिशन पर बल देना शुरू किया है।
उन्होंने कहा, यहां स्वच्छता की चर्चा हुई और आपने कहा इसमें नया क्या है, ये तो हमने किया था। ये सब आप ही की देन है और अगर आपकी देन है तो गंदगी क्यों है। पहली बार संसद में स्वच्छता पर चर्चा हुई। जन आंदोलन से स्वच्छता मिशन हासिल किया जा सकता है। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।