रिट्ज काॅन्टीनेन्टल मालिक बाॅबी खन्ना हत्याकाण्ड का पर्दाफाश
लखनऊ। राजधानी के रिट्ज कांटीनेंटल के मालिक ब्रह्माशंकर उर्फ बाबी खन्ना हत्याकांड में STF ने आज आजमगढ़ के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के खालिस निवासी अदनान अहमद नामक एक और अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। इसके पहले बुधवार को आजमगढ़ निवासी सुभाष यादव और वस्सैफ उर्फ सैफ को हत्याकांड के सूत्रधार डेंटिस्ट डॉ. नैमिष त्रिवेदी के साथ गिरफ्तार किया था। डीजीपी एस. जावीद अहमद ने एसटीएफ को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए पचास हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि अपराधियों के कब्जे से 303 बोर और 315 बोर की पिस्टल, जिंदा कारतूस और हत्या के लिए मिली पांच लाख रुपये की सुपारी में 75200 रुपये नकद, दो अदद मोटर साइकिल और वोटर आइडी कार्ड बरामद किये हैं। इस साल के पहले ही दिन एक जनवरी, को बाबी खन्ना रात्रि साढ़े दस बजे अपनी पुत्री के साथ स्विफ्ट डिजायर कार से महानगर अपने घर बी-778 के सामने पहुंचे तभी बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। कई दिनों तक इलाज के बाद खन्ना की मौत हो गयी।
हत्या के लिए सैफ को अदनान ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल दी थी। .32 बोर की यह पिस्टल अभी बरामद नहीं हुई है। अदनान लखनऊ में सुभाष और सैफ के साथ प्रापर्टी डीलिंग के धंधे में सक्रिय है। सैफ ने बताया कि जब खन्ना पर फायर करने पर कंट्री मेड पिस्टल मिस हो गयी तो उसने अदनान के असलहे से कई फायरिंग की। सैफ ने लखनऊ में रहकर बीकाम किया लेकिन २००६ में वह आजमगढ़ वापस चला गया था। सुभाष ने खन्ना की हत्या के लिए उसे वापस बुलवाया और सुपारी में मिले पांच लाख रुपये में से एक लाख 40 हजार रुपये दिये। सुभाष के खिलाफ मुंबई, आजमगढ़, बलिया, अंबेडकरनगर आदि जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, गैंगस्टर एक्ट समेत कुल 17 मुकदमे दर्ज हैं।
महानगर सेक्टर सी में अभिनव मुस्कान क्लीनिक चलाने वाले डॉ. नैमिष त्रिवेदी ने इस अस्पताल को बेचने के लिए खन्ना से साढ़े सात करोड़ में सौदा किया था और एक करोड़ 40 लाख रुपये पेशगी के तौर पर लिये थे। खन्ना ने इसका सौदा किसी दूसरी पार्टी से साढ़े आठ करोड़ में कर दिया। नैमिष खन्ना पर नर्सिंग होम खरीदने के लिए दबाव बनाने लगा। इस बीच उसके यहां मरीज के रूप में आने वाले शातिर अपराधी सुभाष यादव को खन्ना की हत्या का ठेका दे दिया। सुभाष ने डॉ. नैमिष से सैफ की मुलाकात कराई। इसके बाद तीन माह तक सुभाष और सैफ ने खन्ना की रेकी की। दुकान से लेकर घर तक कई बार प्रयास के बावजूद सफलता नहीं मिली। इस दौरान डॉ. नैमिष ने अपराधियों को साथ लेकर खुद रेकी कराई। वह अपनी स्कोडा कार से अपराधियों को लेकर खन्ना के प्रतिष्ठान से लेकर आवास तक पीछा करता रहा। घटना में हत्यारों और डॉ. नैमिष ने मोबाइल पर कोई बातचीत नहीं की। एसटीएफ के आइजी राम कुमार और एसएसपी अमित पाठक का कहना था कि मोबाइल का प्रयोग न होने से बड़ी चुनौती थी। इस बीच मुखबिर के जरिए शूटरों की छानबीन शुरू हुई। आजमगढ़ से तार जुड़ा तो एएसपी शहाब रशीद खान और डीएसपी आलोक सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने पड़ताल की। इस बीच लखनऊ में रहकर प्रापर्टी डीलिंग का कारोबार करने वाले सुभाष की संदिग्ध भूमिका सामने आयी और तार जुड़ते गये।