लखनऊ: कौशाम्बी से भाजपा के सांसद विनोद सोनकर ने यूपी में विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि आगरा में एक दलित की मां की कोख सूनी हो गयी औऱ अपने को दलितो का रहनुमा बताने वाले अचानक गायब हो गये है। उत्तर प्रदेश के आगरा में दलित नेता अरूण माहौर की हत्या ने पूरे देश को रूला कर रख दिया है। रोहित बेमुला की आत्महत्या पर लगातार तांडव करने वाले विपक्षीयों का प्रदर्शन सड़क से लेकर संसद तक कही भी अछूता नही रहा और यहा तक कि विपक्ष बेमुला को जबरदस्ती दलित साबित करने के प्रयासों के साथ लगातार केंद्र सरकार पर आक्रामक रूख अपनाती रही है, लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि यूपी में अरूण माहौर (दलित) की हत्या पर अपने आप को दलितो का रहनुमा मानने वाली कांग्रेस, बसपा व अखिलेश सरकार चुप क्यों है।

श्री सोनकर ने प्रेस को जारी  में कहा कि राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थन कर दलित के नाम पर प्रोपोगंडा फौलाने वाले विपक्षी महौर हत्या पर चुप रहकर यह साबित कर चुके है कि वो दलित नही बल्कि अपने निजि स्वार्थ की राजनीति में लगे हुए है औऱ केंद्र सरकार पर झूठा बयानबाजी करके बदनाम कर रहे है।

दलित नेता माहौर के मामलें को दबाने के लिए केंद्रीय मंत्री के वयान को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है, आज एक दलित की सरेआम हत्या हो जाती है औऱ विपक्ष इस पर चुप रहता है इससे उत्तर प्रदेश सरकार की दलितो के प्रति मंशा साफ तौर पर जाहिर हो चुकी है साथ ही अपनें आप को दलितों का रहनुमा बताने वाली बसपा सरकार के भी गले में फास अटक गया है।

उन्होंने कहा कि सपा और बसपा की इस दोहरी राजनीति से आज पूरा उत्तर प्रदेश त्रस्त हो चुका है साथ ही प्रदेश सरकार के इस रवैये से आज दलित अपने आप को डरा हुआ और असुरक्षित महसूस कर रहा है,  प्रदेश सरकार में लगातार हुए दंगों, हत्याओं, बलात्कारों की घटनाओं से राज्य में पूरी तरह जंगलराज कायम हो चुका है।