संसद में फिर भिड़ीं माया और स्मृति ईरानी
नई दिल्ली। रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में शुक्रवार को संसद में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी फिर आमने सामने आ गईं। एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ने कहा जो जस्टिस जांच कमेटी में चुने गए हैं, वे यूपी में मायावती जी की सरकार के वक्त वहां सेवाएं दे चुके हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें जांच कमेटी में रखे जाने पर मायावती जी को कोई एतराज होगा। इस पर मायावती ने कहा कि रोहित मामले पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। रोहित मामले पर गठित कमेटी में एक भी दलित शामिल नहीं है। मैं आपके जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। क्या आप वादा निभाएंगी? इस पर स्मृति ईरानी ने कहा, मैंने तो आपके कार्यकर्ताओं से कहा था कि आएं और सिर काट कर ले जाएं।
मायावती ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि रोहित केस के पीछे आरएसएस के कट्टर समर्थक हैं जिसकी वजह से सरकार अंदर ही अंदर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। मायावती ने कहा कि जिस अकेले जस्टिस अशोक कुमार की बात की जा रही है वो अपर कास्ट से आते हैं। इलाहबाद हाईकोर्ट के जज जो जांच कमेटी में इकलौते सदस्य हैं, वो दलित जाति के नहीं हैं। एक से ज्यादा भी अधिकारी कमीशन में रखे जा सकते थे। इससे साफ तौर पर नजर आ रहा है कि ये सरकार की दलित विरोधी नीति है।
मायावती ने कहा कि रोहित के छोटे भाई को कोई सरकारी नौकरी दे देते तो अच्छा होता। उसकी मां दिल्ली सरकार से अपील कर रही है। इस मामले में सीएमओ और पुलिस प्रशासन की भूमिका से भी संतुष्ट नहीं हूं। मंत्री जी ने कहा था कि अगर मैं संतुष्ट नहीं हुई तो सिर काट के दे दूंगी, तो क्या अब वो अपने वादा पूरा करेंगी। इस पर स्मृति ने पलटवार करते हुए कहा कि मैंने बीएसपी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कहा था कि अगर जवाब संतोषजनक न लगे तो आएं और मेरा सिर काटकर ले जाएं। वे चाहें तो ऐसा कर लें।
शुक्रवार को राज्यसभा में हुई तीखी बहस के बीच मायावती ने कहा कि 24 फरवरी को एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने मुझसे लॉबी में आकर माफी मांगी और कहा कि आपने तो मुझे माफ कर दिया। इस पर स्मृति ने कहा कि अगर मैं बताऊंगी कि मायावती जी ने लॉबी में मुझसे क्या कहा था तो कई सारी बातें सामने आ जाएंगी।
बता दें कि 24 फरवरी को राज्यसभा में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की मौत पर हो रही बहस के दौरान स्मृति ने मायावती के लगातार हंगामा करने पर कहा था कि मुझे जवाब देने दें, अगर आपके कार्यकर्ता और नेता मेरे जवाब से असंतुष्ट हुए तो मैं आपको चरणों में सिर कलम कर रख दूंगी।