एशिया कप: भारत को बांग्लादेश के खिलाफ अतिआत्मविश्वास से बचना होगा
नई दिल्ली: एशिया कप में टीम इंडिया बुधवार को अपने अभियान का आगाज मेज़बान बांग्लादेश के खिलाफ करेगी। जहां टी-20 सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका को शानदार तरीके से हराने के बाद टीम इंडिया को इस खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, वहीं घरेलू मैदान में बांग्लादेश भी उलटफेर करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। वैसे, भी शार्टर फॉर्मेट के क्रिकेट (वनडे और टी-20) में बांग्लादेशी टीम अब बड़ी ताकत बन चुकी है और धोनी के धुरंधरों को ‘ओवर कांफिडेंस’ की स्थिति से बचना होगा।
टीम इंडिया के लिए कप्तान धोनी की फिटनेस अभी परेशानी का कारण बनी हुई है। अभ्यास सत्र के दौरान कप्तान की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था। वे बुधवार के मैच में खेल पाएंगे या नहीं, मैच के एकदम पहले तय होगा। धोनी के ‘कवर’ के रूप में गुजरात के पार्थिव पटेल को टीम इंडिया में शामिल किया गया है। पहली बार टी-20 फ़ॉर्मेट में खेले जा रहे एशिया कप को आईसीसी वर्ल्ड टी-20 की तैयारी भी माना जा रहा है।
इस लिहाज से हर टीम टूर्नामेंट के दौरान अपने तमाम कांबिनेशन आजमाते हुए ताकत दिखाना चाहेगी। वैसे, टी-20 के लिहाज से बात करें तो भारत-बांग्लादेश के बीच अब तक केवल दो ही मुकाबले खेले गए हैं। इनमें से दोनों ही बार टीम इंडिया कमोबेश आसानी से जीती है। इतिहास भले ही टीम इंडिया के पक्ष में हो, लेकिन इस मैच में बांग्लादेश को कमजोर आंकने की गलती टीम इंडिया शायद ही करे…
भारत और बांग्लादेश के बीच टी-20 का पहला मुकाबला इंग्लैंड में हुए टी-20 वर्ल्डकप के दौरान नॉटिंघम में 6 जून 2009 को हुआ था। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 20 ओवर्स में 5 विकेट पर 180 रन बनाए थे। गौतम गंभीर ने सर्वाधिक 50, रोहित शर्मा ने 36 और धोनी ने 26 रन बनाए थे। इन तीन पारियों के बावजूद मैच में आकर्षण का केंद्र युवराज सिंह की 41 रन की शानदार पारी रही थी। युवी ने इस पारी के दौरान 18 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और चार छक्के लगाए थे। भारत की ओर से रखे गए 181 के टारगेट का पीछा करते हुए बांग्लादेश की टीम 20 ओवर में 155 रन ही बना सकी थी। जुनेद सिद्दीकी ने 22 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों की मदद से 41 रन बनाए थे, लेकिन उनके एकाकी प्रयास टीम को जीत नहीं दिला सके थे। टीम इंडिया के लिए प्रज्ञान ओझा ने 21 रन देकर चार विकेट हासिल किए थे। ईशांत शर्मा के खाते में दो विकेट आए थे।
दोनों देशों के बीच दूसरा मैच बांग्लादेश की ही मेजबानी में हुए टी-20 वर्ल्डकप के दौरान मीरपुर में 28 मार्च 2014 को हुआ था। मैच में भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट पर 138 रन ही बनाने दिए थे। अमित मिश्रा ने सर्वाधिक तीन विकेट और रविचंद्रन अश्विन ने दो विकेट लिए थे। बांग्लादेश के लिए अनामुल हक के 44 और महमूदुल्लाह के नाबाद 33 रन ही उल्लेखनीय रहे थे। यह बात अलग है कि इमानुल को 44 रनों के लिए 43 और मेहमूद को 33 रनों के लिए 23 गेंदें खेलनी पड़ी थीं। जवाब में टीम इंडिया ने रोहित शर्मा के 56 (44 गेंद, पांच चौके व एक छक्का) और विराट कोहली के नाबाद 57 रन (50 गेंद, तीन चौके व एक छक्का) की मदद से टारगेट केवल दो विकेट खोकर हासिल कर लिया था। कप्तान धोनी 12 गेंदों पर 22 रन बनाकर नाबाद रहे थे।