क्षय रोग से लड़ने के लिए संगठित रणनीति की ज़रुरत: नाईक
लखनऊ उत्तर प्रदेश के राज्यपालराम नाईक ने आज 70वें नेशनल कांफ्रेंस आॅफ टूयबरकलोसिस एण्ड चेस्ट डिजीज (नेटकाॅन) का उद्घाटन साइंटिफिक कंवेन्शन सेंटर में किया। कांफे्रंस का आयोजन डिपार्टमेंट आॅफ रेस्पीरेटरी मेडिसन, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं यू0पी0 टयूबरकलोसिस एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था। राज्यपाल ने इस अवसर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में स्मारिका एवं प्रो0 सूर्यकांत द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
राज्यपाल ने संगोष्ठी का उद््घाटन करते हुए कहा कि क्षय रोग स्लो किलर है। क्षय रोग ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इससे दूसरे लोगों को भी संक्रमण हो सकता है। क्षय रोग की संक्रामकता रोकने के लिए विचार करने की जरूरत है। सही उपचार के लिए समय पर जाँच जरूरी है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग से लड़ने के लिए संगठित रणनीति की आवश्यकता है।
श्री नाईक ने कहा कि देशवासी देश की पूंजी हैं। देश की प्रगति के लिए स्वस्थ एवं सशक्त नागरिक आवश्यक हैं। हमारी संस्कृति में ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया‘ का बड़ा महत्व है। सही जानकारी मिले तो रोगों की संभावना कम की जा सकती है। जागरूकता बढ़ाने के लिए छोटी-छोटी किताबों को अपनी भाषा में अनुवाद करके आम आदमी तक पहुँचाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों को प्रदूषण से बचाने हेतु चिकित्सकों द्वारा जानकारी घर-घर पहुँचाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि धुएं के कारण भी क्षय एवं श्वास रोग हो सकते हैं। जब वे पेट्रोलियम मंत्री थे तो उन्होंने धुआं रहित रसोई कार्यक्रम के तहत रसोई गैस की एक करोड़ दस लाख की प्रतीक्षा सूची को समाप्त करते हुए चार करोड़ नये गैस कनेक्शन भी जारी किये थे। चिकित्सा विज्ञान में बहुत तरक्की हुई है। समय रहते असाध्य रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र की अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए ऐसे मंच महत्वूपर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस अवसर पर प्रो0 रविकांत कुलपति किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, डाॅ0 सुनील के0 कपाडे, श्री आर0सी0 दीक्षित सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 सूर्यकांत द्वारा दिया गया।