इतने सस्ते स्मार्ट फोन प्रोजेक्ट के लिए कहाँ से आया पैसा
रिंगिंग बेल के नोएडा दफ्तर पर आयकर विभाग ने मारा छापा
नई दिल्ली। रिंगिंग बेल्स नाम की भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनी अपने सबसे सस्ते स्मार्टफोन फ्रीडम 251 के कारण देश भर में प्रसिद्ध हो गयी है। जैसे की सभी जानते है की इस फ़ोन को ऑनलाइन बुक करने के लिए पहले दिन एक साथ इतने ऑर्डर्स आये की साइट क्रैश हो गया। दूसरे दिन यानि 20 फरवरी को इसकी फिर से बुकिंग शुरू की गयी जिसमे भी लोगो को बहुत मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा था। मगर यह स्मार्टफोन कंपनी लोगो के नज़र में आने के साथ-साथ आयकर विभाग के नज़र में भी आ गयी। आपको बता दें की शुक्रवार को रिंगिंग बेल के नोएडा स्थित दफ्तर पर आयकर विभाग ने छापा मारा।
दरअसल, आयकर विभाग के छापा मरने के पीछे कारण यह है की वह जानना चाहते है की इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए आखिर इस कंपनी ने पैसे कहां से जुटाए हैं। वहीं यह भी जानना चाहते है की कैसे कंपनी इतने सस्ते दाम पर स्मार्टफोन बेच सकती है। आयकर विभाग के छापे के पीछे का कारण यह है की मोहित गोयल एक मधयमवर्गीय परिवार से तालुक रखते हैं। तो उनके पास इतने सारे पैसे आखिर कहां से आए की उन्होंने ने इतनी बड़ी कंपनी खड़ी कर दी और ये ही नहीं वह उसके प्रोडक्ट्स उसके पार्ट्स से भी कम डैम में बेच रहें है। एक वेबसाइट की माने तो आयकर विभाग इस कंपनी के सारे दस्तावेज अपने कब्ज़े में लेकर उसे खंघाल रही है।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की यह स्मार्टफोन की असली कीमत अगर बताई जाए तो वह लगभग 2500 रुपए का है। मगर कंपनी उसे स्मार्टफोन को 90 प्रतिशत छूट के साथ बेच रही है। इस फ़ोन को लोग ऑनलाइन बुक कर रहें है। इस फ़ोन की कीमत कंपनी ने 251 बताई है और साथ में बुकिंग चार्जेज मिलाकर यह सिर्फ 291 रुपए का होता है।
सूत्रों की माने तो आयकर विभाग की नजर कंपनी द्वारा दिए गए विज्ञापनों पर भी है। दरअसल, कंपनी ने बुकिंग से पहले देश के अधिकांश बड़े अखबारों में करोड़ों रुपए का विज्ञापन दिया था। जबकि कंपनी छह माह पुरानी ही है। ऐसे में इतनी बड़ी धनराशि के अलावा 251 रुपए में स्मार्ट फोन की स्कीम लांच करना सवालिया निशान पैदा कर रही है। ऐसे में आयकर विभाग की टीम ने करीब दो घंटे तक कंपनी प्रवक्ता से पूछताछ की।
गुरुवार को फ्रीडम-251 मोबाइल की ऑनलाइन बुकिंग शुरू होनी थी। बुकिंग शुरू होने से पहले ही बेवसाइट हैक हो गई। दरसअल, सस्ते स्मार्ट फोन के लिए प्रति सेकंड छह लाख 20 हजार लोगों ने वेबसाइट सस्क्राइब की, जिसके चलते वेबसाइट क्रैश कर गई। ऐसे में गुरुवार को बुकिंग नहीं हो सकी। ऐसे में सैकड़ों की संख्या में लोग कंपनी पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां से कोई जानकारी नहीं मिली। शुक्रवार को भी कंपनी के बाहर कई लोग मौजूद रहे।