किसानों की आत्महत्या एक चलन बन गया है: भाजपा संसद
मुंबई। महाराष्ट्र के भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि सभी किसानों की आत्महत्या बेरोजगारी और भुखमरी के कारण नहीं होती। एक फैशन-सा चल निकला है। यह एक चलन हो गया है। गोपाल शेट्टी बोरीवेली में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में बोल रहे थे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में इस वर्ष जनवरी से अब तक सिर्फ डेढ़ महीने के अल्प अंतराल में ही 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
भाजपा सासंद ने कहा कि किसानों को मुआवजे में धन देने के लिए इन लोगों के बीच होड़ लगी हुई है। अगर महाराष्ट्र सरकार मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपए दे रही है तो पड़ौसी राज्यों की सरकारें सात लाख रुपए दे रही हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शेट्टी की बयान की आलोचना करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के किसान इस समय अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में शेट्टी का बयान उनकी तथा भाजपा की किसानों के प्रति असंवेदनशीलता को दिखाता है। निरूपम ने कहा कि किसान पहले ही पानी की कम आपूर्ति, ऋण चुकाने में असमर्थता और बैंकों एवं साहूकारों की ओर से डाले जाने वाले दबाव के चलते आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं वहीं सरकार इनकी सुध लेने के बजाय असंवेदनशीलता दिखा रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में हाईकोर्ट ने केन्द्र से पूछा था कि सरकार किस तरह किसानों को मदद उपलब्ध करवा रही है। कोर्ट ने सरकार को उसकी योजनाएं तथा किसानों को राहत पहुंचाने वाली आर्थिक मदद की योजनाओं की रुपरेखा बताने का भी कहा था।