कोर्ट परिसर में वकीलों ने कन्हैया को पीटा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था कायम करने में नाकाम रही। पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान बुधवार दोपहर एक बार फिर अराजकता दिखी। इस दौरान वकीलों और जेएनयू के छात्रों के बीच झड़प तो हुई ही, वकीलों ने कन्हैया कुमार के साथ मारपीट भी की। कोर्ट में जिस समय दिल्ली पुलिस जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पेशी के लिए ले जाया जा रहा था उस वक्त वकीलों ने उनपर हमला कर दिया।
इससे पहले के घटनाक्रम में आज जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी और अफजल गुरु के समर्थन को लेकर वकीलों ने बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। वकीलों ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। गौरतलब है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी होनी है। प्रदर्शन के दौरान वकीलों के दो गुटों में भिड़ंत और मारपीट भी हुई। कुछ मीडियाकर्मियों से भी हाथापाई और मारपीट की गई।
गौरतलब है कि सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर पत्रकारों की पिटाई की गई थी। उस दौरान दिल्ली के भाजपा विधायक ओपी शर्मा और विक्रम चौहान वहां कैमरे में कैद हुए थे। वकीलों ने कहा कि हमें गुंडा बताया जा रहा है। वकील विक्रम चौहान ने कहा कि जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद कहा उन्हें तो हीरो बनाया जा रहा है और हमें गुंडा। वह हमें पीटने की कोशिश कर रहे हैं और हम जवाब भी नहीं दे सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने आज ही दिल्ली के पुलिस आयुक्त को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में उचित एवं पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था जहां देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना है। लेकिन उससे पहले प्रदर्शन के दौरान वकीलों के दो गुट आपस में भिड़ गए।इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों के एक गुट ने दूसरे गुट के वकीलों के साथ-साथ कवरेज पर आए कुछ पत्रकारों से भी हाथापाई और मारपीट की। शीर्ष अदालत ने कन्हैया के रिमांड से संबंधित कार्यवाही के दौरान अदालत कक्ष में लोगों के सीमित प्रवेश का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के वकीलों की मौजूदगी के साथ ही आरोपी के परिवार के दो सदस्यों, यदि उपस्थित हैं तो, को अदालत कक्ष में मौजूद रहने की अनुमति दी जाएगी, अन्यथा आरोपी की ओर से जेएनयू संकाय के एक सदस्य और एक छात्र को मंजूरी दी जाएगी। पीठ ने कार्यवाही के दौरान अदालत कक्ष में मीडिया के प्रवेश को भी सीमित कर दिया है और अदालत कक्ष में केवल पांच पत्रकारों के प्रवेश की मंजूरी दी है।