उपचुनाव में सपा को झटका, देवबंद में कांग्रेस जीती
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित आठ राज्यों में 12 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है और नतीजे आने का दौर शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी को यूपी में करारा झटका लगा है। मुजफ्फरनगर सीट बीजेपी ने छीन ली तो देवबंद सीट पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। दोनों सीटें सपा के पास थी।
आज सबसे पहला नतीजा त्रिपुरा की अमरपुर सीट का आया जहां सीपीएम उम्मीदवार ने बीजेपी उम्मीदवार को हराया। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही।
यूपी में मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी का कब्जा। बीजेपी उम्मीदवार कपिल देव ने सपा उम्मीदवार गौरव बंसल को हराया। कांग्रेस की माविया अली ने यूपी की देवबंद सीट पर सपा उम्मीदवार मीना राणा को हराया। माविया को 51012 वोट, मीणा राणा को 47453 वोट और बीजेपी के रामपाल पुंडीर को 45513 वोट मिले। सपा सिर्फ फैजाबाद की बीकापुर सीट ही बचा पाई।
शिवसेना पालघर विधानसभा सीट को बचाने में कामयाब रही है। इसके उम्मीदवार अमित घोडा ने कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र गावित को 18,948 वोटों से हराकर इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। घोडा को 67,129 वोट मिले हैं जबकि गावित को 48,181 वोट मिले हैं। शिवसेना के तत्कालीन विधायक कृष्ण अजरुन घोडा के निधन के कारण उपचुनाव हुआ था। घोडा का निधन 24 मई 2015 को हृदयाघात के चलते हो गया था। उपचुनाव में उनके बेटे अमित को शिवसेना की ओर से टिकट दिया गया था। हालांकि यह एक बहुपक्षीय मुकाबला था लेकिन असल टक्कर अमित घोडा और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री गावित के बीच ही थी।
जीत का सिलसिला कायम रखते हुए सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति ने आज कांग्रेस से मेडक जिले की नारायणखेड़ विधानसभा सीट छीन ली। टीआरएस उम्मीदवार भूपाल रेड्डी ने 53,625 मतों के अंतर से इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार पी संजीव रेड्डी को महज 39,451 मत मिले जबकि तेदेपा के एम विजयपाल रेड्डी केवल 14,787 वोट जुटा सके। इस सीट को अब तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस जीत से मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली टीआरएस का मनोबल और बढ़ेगा जिसने हाल ही में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 150 में से 99 सीटों पर कब्जा जमाया था। पार्टी ने बड़े अंतर से वारंगल लोकसभा सीट पर भी जीत दर्ज की थी। संजीव रेड्डी के पिता पी के रेड्डी के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था।
मैहर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को बढ़त मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर विधानसभा उपचुनाव की मतगणना में भाजपा के नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस के मनीष पटेल को 27 हजार वोटों से हरा दिया। मैहर से कांग्रेस के विधायक रहे नारायण त्रिपाठी के इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होने के कारण इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराये जा रहे हैं।
खडूर साहिब विधानसभा सीट उपचुनाव में आज सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने जीत हासिल की। पार्टी के प्रत्याशी रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी भूपिंदर सिंह को 65,664 मतों के अंतर से पराजित किया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। ब्रह्मपुरा ने भूपिंदर सिंह को पराजित किया जो कांग्रेस से अलग हो गए थे और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। पिछले साल गुरूग्रंथ साहिब के अपवित्रीकरण के खिलाफ कांग्रेस विधायक रामजीत सिंह सिक्की के इस्तीफे के बाद सीट खाली होने पर उपचुनाव कराया गया था। कांग्रेस ने यह कहते हुये चुनाव का ‘बहिष्कार’ किया था कि सिक्की ने जिस मामले को उठाते हुये इस्तीफा दिया था, वह अभी सुलझा नहीं है।
बीजेपी की जीत से गदगद यूपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि बीजेपी ने मुज़फ्फरनगर की सीट पर जीत दर्ज करके सपा को परास्त किया है। देवबंद की जीत कोई कांग्रेस की नहीं सपा के सांप्रदायिक राजनीति का परिणाम है। वहीं देवबंद में जीत पर कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा ने कहा कि साफ है कि लोग कांग्रेस की तरफ वापस आ रहे हैं।
शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, देवबंद और बीकापुर विधानसभा सीट पर और कर्नाटक के देवदुर्ग, बीदर और हेब्बल विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। वहीं पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, त्रिपुरा, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में एक-एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया था जिसमें खदूर साहिब, पालघर, हरलाखी, अमरपुर, नारायणखेड़ और मैहर शामिल थी।
उत्तर प्रदेश में जिन तीन सीटों पर उपचुनाव हुआ वहां पर अब तक सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी का कब्जा था। उपचुनाव में बसपा की गैरमौजूदगी और कम मतदान के चलते बड़े उलटफेर की भी संभावना जताई जा रही थी। कर्नाटक की देवदुर्ग सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस का कब्जा था, जबकि बीदर और हेब्बल बीजेपी के पास थीं।
पंजाब की खदूर साहिब सीट कांग्रेस के पास थी, जबकि बिहार की हरलाखी सीट पर आरएलएसपी का कब्जा था। त्रिपुरा के अमरपुर में माकपा ने अपने विधायक एम आचार्जी को निष्कासित कर दिया था जिसके बाद यह उपचुनाव हुआ। बाद में आचार्जी ने दिसंबर 2015 में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।
महाराष्ट्र के पालघर में उपचुनाव पिछले साल जून से लंबित था, लेकिन निर्वाचन आयोग एक चुनाव याचिका के लंबित होने की वजह से आगे नहीं बढ़ सका। यह सीट शिवसेना के पास थी। तेलंगाना की नारायणखेड़ सीट और मध्यप्रदेश की मैहर सीट कांग्रेस के पास थी।