किताब लिखने में फैमिली प्लानिंग नहीं होती: नाईक
राज्यपाल ने कहानी संग्रह ‘मेमसाब‘ का विमोचन किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलिस विभाग में कार्यरत उपनिरीक्षक संतोष कुमार कौशिल द्वारा लिखित कहानी संग्रह मेमसाब का विमोचन किया। डाॅ0 निशिथ राय कुलपति डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा इस अवसर पर श्री नवनीत सिकेरा पुलिस महानिरीक्षक सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस सेवा में कार्यरत होते हुए साहित्य की सेवा करना मुश्किल काम है। पुलिस कर्मचारियों को वास्तव में अपने कर्तव्य के कारण छुट्टी नहीं मिल पाती। मन में इच्छा होती है तभी वह साहित्य का निर्माण कर सकता है। श्री संतोष कुमार ने बड़ी सहजता एवं सरलता से कहानियाँ लिखी हैं। किताब लिखने में फैमिली प्लानिंग नहीं होती जितनी लिखी जाय उतना अच्छा है। उनके लिखने की कला में और वृद्धि हो। उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पुलिस के साथ-साथ वे उत्कृष्ट लेखक बने।
श्री नाईक ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि कल उन्होंने उर्दू पुस्तक ‘प्रो0 फजले इमाम – अदबी सफर के 60 साल‘ का लोकार्पण किया, आज सुबह पाक्षिक समाचार पत्रिका ‘न्यूज टाईम्स‘ का लोकार्पण किया और दोपहर बाद संतोष कुमार कौशिल के कहानी संग्रह ‘मेमसाब‘ का विमोचन किया।
डाॅ0 निशिथ राय ने कहा कि उन्होंने संतोष कुमार कौशिल की कुछ कहानियाँ पढ़ी हैं। श्री संतोष ने बड़ी सरलता और भाषा के आधार पर अपने अनुभव कहानी के माध्यम से समाज के सामने लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि कहानियों में मौलिक गुण है।
श्री नवनीत सिकेरा पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि पुलिस की नौकरी व्यस्तता और तनावभरी होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में साहित्य लेखन का शौक सराहनीय है।
इस अवसर पर श्री संतोष कुमार कौशिल ने भी अपने विचार रखें।