लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश किए गए अखिलेश सरकार के बजट की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस बजट की अधिकांश धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने वाली है। मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव का नाम लिये बिना कहा कि मुख्यमंत्री और चाचा मंत्री में खुद को विकास पुरुष साबित करने की होड़ लगी हुई है।  

मायावती ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश की जनता सपा सरकार की गलत नीतियों व कार्यकलापों से पिछले चार वर्षों से काफी त्रस्त है। उसे इस चुनावी वर्ष में बरगलाने के लिए कई लोक-लुभावन वादे नये रूप में पुन: किये गये हैं। उन्होंने सपा सरकार के पांचवें व अंतिम बजट को भ्रामक और कागजी करार दिया और कहा कि इस बजट से यूपी की गरीब जनता व किसानों का कुछ भी भला होने वाला नहीं है। सपा सरकार की बिजली, सड़क, पानी व जनहित की अन्य सुविधा के सम्बन्ध में किये गये लगभग सारे वादे कागजी साबित होकर रह गये हैं।

बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पहले बजट में अनेक घोषणायें करके जनता को बरगलाने का प्रयास किया जाता है। फिर विज्ञापनों के माध्यम से सरकारी धन पानी की तरह बहाकर जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की जाती है। लेकिन बसपा को पूरी उम्मीद है कि प्रदेश की आम जनता सपा के इस प्रकार के छलावे में आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में आपसी मतभेद व मनमुटाव के कारण यह तक तय नहीं हो पा रहा है कि इस सरकार में तथाकथित ‘विकास पुरुष’ कौन है। सरकारी तौर पर दावा है कि मुख्यमंत्री विकास पुरुष हैं, जबकि मुख्यमंत्री के अपने चाचा मंत्री को उनके लोग विकास पुरुष होने का दावा करते हैं। मायावती ने कहा कि कल जब मुख्यमंत्री ने बजट पेश कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया तो उनके चाचा मंत्री के 61वें जन्मदिन पर मीडिया आदि में विज्ञापनों की भरमार करके उनके पक्ष में यह दावा और भी बढ़-चढ़कर किया गया।