नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में अपनी साख गंवा चुकी सीपीएम और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस इस साल विधानसभा चुनाव में साथ आ सकती हैं। सीपीएम की बंगाल यूनिट ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को स्वीकारा है, हालांकि इस मुद्दे पर पार्टी दो गुटों में बंट गई है।

प्रकाश करात और माणिक सरकार गठबंधन नहीं चाहते, जबकि सीताराम येचुरी और बुद्धदेव भट्टाचार्य गठबंधन के पक्ष में हैं। गठबंधन पर अंतिम फैसला 17 और 18 फरवरी को दिल्ली में होने वाली सीपीएम की सेंट्रल कमेटी की बैठक में लिया जाएगा।

सीपीएम ने शर्त रखी है कि बातचीत की पहल कांग्रेस को करनी होगी। इस महीने की शुरुआत में ही बंगाल कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी से मिलकर कहा था कि कार्यकर्ता तृणमूल के खिलाफ लेफ्ट से गठजोड़ के पक्ष में हैं। तृणमूल नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और सीपीएम के संभावित गठबंधन को गैर सैद्धांतिक बताया है।