रसायनों का निर्यात बढ़ाने में एसएमई निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिकाः निर्मला सीतारामन
भारत में रसायनों और डाईज उद्योग के निर्यात प्रदर्शन की सराहना करते हुए माननीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारामन ने जोर दिया कि इसके वैल्यू चैन की सम्पूर्णता में एसएमई की जगह बढ़ाने की आवश्यकता है। उनके अनुसार क्षमता निर्माण, सस्ती ऋण, अच्छी मार्केटिंग, ठोस बुनियादी संरचना, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार एवं कौशल विकास को प्रोत्साहन देकर तथा उनके विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर एसएमई की निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एक व्यूहनीति का होना अनिवार्य है। श्रीमती सीतारामन विगत चार वर्षो के दौरान अनेक श्रेणियों में निर्यात प्रदर्शन विजेताओं को केमेक्सिल पुरस्कार देते समय रसायन, डाईज और काॅस्मेटिक्स उद्योगों से निर्यातकों को संबोधित कर रही थी। केमेक्सिल लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार वीवीएफ ग्रुप आॅफ कंपनीज, वीवीएफ (इंडिया) लि. के श्री रूस्तम गोदरेज जोशी और जय केमिकल इंडस्ट्रीज लि. के श्री जयेन्द्र खारवाला को दिया गया।
पिछले कुछ वर्षो के दौरान कठिन बाजार स्थितियों में प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत सरकार देश के सभी भागों में हर क्षेत्र में नई पीढ़ी के उद्यमियों के विकास में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। निर्यात बढ़ाने के लिए 3 फीसदी ब्याज समकरण योजना और ड्यूटी ड्राबैक दर बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए है। एमईआईएस के तहत सरकार ने अनेक उत्पादों के लिए 3,000 करोड़ रू अतिरिक्त प्रोत्साहन की घोषणा की है।उन्होंने कहा कि केमेक्सिल के तहत उत्पादों का निर्यात, जिसमें बेसिक केमिकल्स, डाईज और काॅस्मेटिक्स शामिल है, अप्रैल-नवम्बर 2015 की अवधि में प्रमाण में 13 फीसदी बढ़े है और वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद वित्तवर्ष 2014-15 में सकारात्मक ग्रोथ दिखाया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत एक निर्यात संर्वधन कौंसिल के बतौर केमेक्सिल भारतीय निर्यातकांे और विदेशी आयातकों को एक साथ लाने में प्रेरक है, इस तरह भारत और विदेशी क्रेताओं के बीच व्यवसायिक संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
विजेताओं को बधाई ते हुए केमेक्सिल के अध्यक्ष डां. बी. आर गायकवाड ने बताया कि, ‘‘नई विदेश व्यापार नीति, एमईआईएस जैसे सरकारी पहलुओं से कई उत्पादों को लाभ और एमएसएमई क्षेत्र इत्यादि के निर्यात के लिए बढ़े 3 फीसदी ब्याज लाभ से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और निर्यातकों को मदद मिलेगी।’