किसानों के प्रति संवेदनहीन प्रदेश सरकार: अनिल दूबे
लखनऊ । राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता अनिल दुबे ने प्रदेश सरकार पर बुन्देलखण्ड किसानों के प्रति संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुये कहा है कि प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड में आई हुयी त्रासदी पर राजनीति न करें और बुन्देलखण्ड के किसानों के सारे कर्जे माफ करने चाहिए चाहे वो बैंक हो या जिस तरह के भी हों और उनके जीवन यापन की व्यवस्था सुचारू रूप से तत्काल शुरू कराने की मांग करते हुये कहा है कि अगर बुन्देखण्ड को अलग राज्य बनाने का प्रस्ताव सरकार ने पास कर दिया होता तो आज ऐसी त्रासदी का दंश न झेलना पड़ता।
आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि बुन्देखण्ड क्षेत्र के सभी जनपदों के अधिकारी कर्ज, भूख, सूदखोरी के कारण आत्महत्या कर रहे किसानों की मौत पर तकनीकी कारण बताकर अपनी जिम्मेंदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं जोकि यहां के लोगों के साथ सरासर अन्याय है क्योंकि यहां के लोग पिछले तीन वर्षों से लगातार पड़ रहे सूखे के कारण भुखमरी के शिकार हैं और सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखिये कि इन तीन वर्षों में सरकार ने यहां के किसानों के लिए कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया और विदर्भ की तरह बुन्देलखण्ड के किसान भी असमय मौत को गले लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के लिए रोज हमदर्दी की घोषणा तो कर रही है लेकिन वास्तविक रूप से आज तक यहां के लोगों को अनाज और पानी के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड रही हैं और रोजी रोटी के लिए यहां के नौजवान पलायन कर रहे हैं उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुये कहा कि तकनीकी कारणों में उलझने के बजाय जीवन यापन सामान्य करने के लिए युद्वस्तर पर कोई कदम उठाये जिससे बुन्देलखण्ड के किसानों और भूख से तड़पते उनके बच्चों को निवाला मिल सके।