राज्यपाल ने गुलाम अली व पं0 विश्वनाथ को सुना

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज लखनऊ महोत्सव समापन समारोह के अवसर पर पाकिस्तान से आये गजल के बादशाह श्री गुलाम अली व शास्त्रीय संगीत के मर्मज्ञ पं0 विश्वनाथ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने पं0 विश्वनाथ की प्रस्तुति ‘आये न बालम का करूं सजनी‘ तथा गुलाम अली साहब की गायी हुई गजल ‘हर एक बात पर कहते हो तुम कि तू क्या है, तुम्हीं बताओ ये अंदाज-ए-गुफ्तगू क्या है‘ का आनन्द भी लिया। राज्यपाल ने पड़ोसी देश से आये मेहमान गुलाम अली साहब की एक गजल सुनने के बाद मंच पर जाकर उनसे भेंट की तथा कहा कि ‘कल सुबह राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के सम्मेलन में जाना है इसलिए आपका पूरा प्रोग्राम नहीं देख पा रहा हूँ।‘ 

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि संगीत का स्वर हृदय को जोड़ता है। हिन्दी, उर्दू, मराठी, गुजराती, बंगाली सभी भाषाओं का संगीत ‘सारेगामापा‘ में समाहित है। लता मंगेशकर भारत की हैं और गुलाम अली साहब पाकिस्तान से हैं, लता मंगेशकर हों या गुलाम अली हों यह हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की परिधि से परे हैं। पूरे विश्व के लोग इन्हें पंसद करते हैं। महोत्सव में गुलाम अली साहब आयेंगे, नहीं आयेंगे की चर्चा आज समाप्त हो गयी। लखनऊ महोत्सव में गुलाम अली साहब व प0 विश्वनाथ जी आये हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की ओर से मैं इन दोनों महानुभावों का स्वागत और अभिनंदन करता हूँ। 

श्री नाईक ने कहा कि गत 27 जनवरी को लखनऊ महोत्सव का शुभारम्भ हुआ था जिसमें लखनऊवासियों ने बडे़ आनन्द से अनेक कलाकरों की प्रस्तुति देखी व सुनी होगी। महोत्सव में अनेक कलाओं का प्रदर्शन हुआ, लखनऊ महोत्सव में मन को जीत लेने की कला है। उत्सव का सुखद चित्र लखनऊ महोत्सव में देखा गया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब ऐसे बडे़ कलाकार अपनी प्रस्तुति देने आये हों तो मैं भाषण ज्यादा नहीं करूंगा बल्कि जितनी जल्दी अपना भाषण समाप्त करूंगा श्रोता मुझे धन्यवाद देंगे। 

राज्यपाल ने इस अवसर पर लखनऊ महोत्सव को सफल बनाने में अपना योगदान हेतु लखनऊ महोत्सव समिति के अध्यक्ष/मण्डलायुक्त लखनऊ श्री महेश कुमार गुप्ता, जिलाधिकारी लखनऊ श्री राज शेखर सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने लखनऊ महोत्सव में स्मारिका ‘उर्मिला‘ का भी विमोचन किया। 

इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, मुख्य सचिव आलोक रंजन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भी अपने विचार रखें तथा लखनऊ महोत्सव की प्रशंसा की। समारोह में मण्डलायुक्त महेश कुमार गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा जिलाधिकारी राज शेखर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।