बलरामपुर अस्पताल में जल्द लगेगी एम0आर0आई0 मशीन
लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण राज्यमंत्री शंख लाल मांझी ने कहा कि चिकित्सकों को ईश्वर के दूसरे रूप की संज्ञा दी गयी हैं, वह बिल्कुल सत्य है। चिकित्सक दिन-रात सेवा करके मरीजों को एक नया जीवन प्रदान करने का कार्य करते है। उन्होंने कहा कि बलरामपुर चिकित्सालय प्रदेश का बहुत ही महत्वपूर्ण चिकित्सालय है। यह चिकित्सालय सारी चिकित्सीय सुविधाओं से युक्त है। इस अस्पताल का इतिहास अपने आप में गौरवपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यहां पर तमाम प्रकार जाचों की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध है, परन्तु एम0आर0आई मशीन नहीं है, शीघ्र ही इस मशीन की स्थापना अस्पताल में की जायेगी।
श्री मांझी आज यहां बलरामपुर चिकित्सालय के 147 वे स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहें थे। कार्यक्रम का आयोजन अस्पताल परिसर के सभागार में किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सन् 1869 में रेजीडेन्सी तिल डिस्पेंसरी के रूप में इस अस्पताल की नींव रखी गई थी। 13 एकड़ में बने इस अस्पताल के स्वरूप में आजादी के बाद अभूतपूर्व परिवर्तन आया। सन् 1948 में इस चिकित्सालय का प्रांतीयकरण हुआ। उन्होंने कहा कि लखनऊ, कानपुर तथा इलाहाबाद के अस्पतालों में एम0आर0आई0 मशीनें सथापित की गयी हैं इसके अतिरिक्त आगरा तथा वाराणसी में एम0आर0आई0 मशीनें लगाने की योजना प्रस्तावित है। जल्द ही इन जनपदों में यह मशीन लग जायेगी।
स्थापना दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं जन्तु उद्यान राज्यमंत्री डा0 शिव प्रताप यादव ने कहा कि यह चिकित्सालय बेहतरीन चिकित्सालय के रूप में मरीजों की सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय के चिकित्सकों ने अपने कार्य व्यवहार से इसे ऊचाई तक पहुंचाया है। राज्य सरकार भी बलरामपुर चिकित्सालय के गौरव को कायम रखने के हर सहयोग प्रदान कर रही है ।
डा0 यादव ने कहा कि इस अस्पताल के विकास में हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जायेगा। बलरामपुर चिकित्सालय के संस्थापक महाराजा बहादुर सर भगवती प्रसाद सिंह (राजा बलरामपुर) के संबन्ध में चर्चा करते हुए कहा कि वह अत्यन्त दयालु और संवेदनशील राजा थे। उनका प्रारम्भ से ही एक बेहतर अस्पताल के निर्माण का सपना था, जिसे उन्होंने बलरामपुर अस्पताल की स्थापना करके पूरा किया ।
स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार में जो काम करने का माहौल मिला है, वह अत्यन्त ही सराहनीय है। प्रदेश सरकार ने हर तबके के लोगों को निःशुल्क और बेहतर से बेहतर चिकित्सीय सुविधा देने जो संकल्प लिया है, वह मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि डाक्टर यह सुनिश्चित करें कि बाहर से आने वाले मशीनों को सारी सुविधाएं मिलें। किसी भी दशा में मरीजों को वापस न भेजा जाय। लोग बड़ी उम्मीद लेकर दूर-दूर से यहां आते हैं। उनकी उम्मीद को कायम रखना हम सभी का प्रमुख कर्तव्य है।
श्री कुमार ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल हर प्रकार कि चिकित्सीय सुविधायों से युक्त है। चिकित्सालय में सुपर स्पेशियलिटी सुविधा उपलब्ध होने के कारण अत्यन्त गम्भीर मरीजों को बेहतर इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष इस अस्पताल में 41 लाख से अधिक वाह्य रोगियों का इलाज किया गया। इसके अतिरिक्त आठ लाख से अधिक पैथालाॅजिकल परीक्षण किये गये।
प्रमुख सचिव ने कहा कि पूरे प्रदेश में 40 से अधिक हाई डाइग्नाॅस्टिक सेंन्टर संचालित हो रहें है। सरकारी अस्पतालों में 150 से अधिक जांचे निःशुल्क की जा रही है। खासतौर पर प्रदेश के 38 अस्पतालों में डिजिटल एक्सरे की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि मरीजों एवं तीमारदारों की सुविधा के लिए 48 अस्पतालों में रोगी सहायता केन्द्र स्थापित किए गये हैं। प्रमुख सचिव ने कहा की अधिकांश अस्पतालों में अधीक्षक राउन्ड नहीं करते है। इस कारण इनकों अस्पताल में हो रही अनियमित्ता एवं लापरवाही की कोई जानकारी नहीं होती। चिकित्सकों द्वारा बाहर से दवाईयों लिखने की भी शिकायत प्राप्त हो रही है। समस्त अधीक्षक अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन निष्ठा से करें। उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति में दी जानी वाली धनराशि का सदुपयोग होना चाहिए प्रदेश सरकार ने अस्पतालों में चिकित्सा के लिए बहुत संसाधन उपलब्ध कराये है, जरूरत है इसको बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने की ।
स्थापना दिवस के अवसर पर महानिदेशक परिवार कल्याण एम0आर0 मलिक, महा निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुनील कुमार श्रीवास्तव, बलरामपुर अस्पताल के अधीक्षक प्रमोद कुमार तथा मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एस0एन0एस0 यादव सहित चिकित्सक एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।