जेडीयू विधायक सरफराज पार्टी से ससपेंड, हिरासत में लिए गए
पटना। डिब्रूगढ़-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में एक दंपति के साथ दुर्व्यवहार और छेड़खानी के आरोप में फंसे जनता दल (युनाइटेड) से निलंबित विधायक सरफराज आलम समन के बाद पटना जीआरपी थाना पहुंचे। जीआरपी ने सरफराज आलम को आज शाम 5 बजे तक थाने पहुंचने का समय दिया था। रेल पुलिस ने पूछताछ के बाद आलम को हिरासत में ले लिया है। इससे पहले पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। पार्टी ने कहा कि उनका व्यवहार ‘अनुचित’ था।
पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि आलम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले नीतीश कुमार ने आज आलम मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर किसी ने कोई गलत काम किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोकीहाट के विधायक ने उनके कार्यालय से 18 जनवरी को संपर्क किया था और उन्हें 19 जनवरी को मिलने का समय दिया गया था। उन्होंने कहा कि लेकिन वह नहीं आए जिससे स्पष्ट हो गया कि दाल में कुछ काला है। कुमार ने कहा कि किसी भी स्थिति में इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक बिना टिकट यात्रा कर रहे थे और शराब पीए हुए थे। मीडिया ने घटना का फुटेज भी प्रसारित किया था। बिहार जेडी यू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि विधायक को निलंबित करने का निर्णय उनके गलत और अनुचित व्यवहार के कारण किया गया।
सिंह ने कहा कि जेडीयू ने पार्टी के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अनुचित व्यवहार की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि फुटेज देखने के बाद हमें विश्वास हो गया और हमने उन्हें निलंबित करने का निर्णय किया। उन्होंने कहा, जेडीयू ने हमेशा कानून के राज का पक्ष लिया है। यह बड़ी कार्रवाई है।
बता दें कि डिब्रूगढ़-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में बिहार के जोकीहाट से विधायक सरफराज पर कटिहार से पटना आने के क्रम में शनिवार की रात ट्रेन में यात्रा कर रहे इंद्रपाल सिंह बेदी और उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करने, छेड़छाड़ करने और धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले की प्राथमिकी पटना रेल थाने में दर्ज कराई गई है।
विधायक ने हालांकि इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे उस दिन ट्रेन से यात्रा ही नहीं कर रहे थे। गौरतलब है कि बिहार में विपक्षी दल इस मामले को लेकर लगातार सत्ताधारी दलों पर हमला बोल रही है।