एक लाख सत्तर हजार भारतीयों के एवाकुएशन की कहानी है ‘एयरलिफ्ट’
मुंबई: इस फिल्मी फ्राइडे रिलीज़ हुई है अक्षय कुमार की ‘एयरलिफ्ट’। फिल्म 1990 के इराक-कुवैत युद्ध पर आधारित है, जहां से करीब एक लाख सत्तर हजार भारतीयों को भारत सरकार ने ‘एयरलिफ्ट’ किया था। फिल्म के निर्देशक हैं राजा कृष्ण मेनन और मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं अक्षय कुमार, निमरत कौर और पूरब कोहली ने।
फिल्म की कहानी में रंजीत कटियाल यानी अक्षय कुमार बहुत बड़े व्यापारी बने हैं जो अपनी पत्नी अमृता यानी निमरत के साथ कुवैत में रहते हैं। भारत छोड़े हुए उन्हें कई साल हो चुके हैं और वे कुवैत को ही अपने देश की तरह मानते हैं, पर जब इराक कुवैत पर हमला करता है तो उन्हें परिवार के साथ कुवैत से निकलने का मौका मिलता है। हालांकि कुछ ऐसा होता है कि रंजीत फैसला करता है कि वह एक लाख 70 हजार भारतीयों की वापसी का इंतजाम किए बिना नहीं जाएगा। एयरलिफ्ट इसी की दास्तां है।
खूबियों और खामियों की बात करें तो फिल्म उतनी ही है जितनी शीर्षक से समझ में आती है। इससे अलग मोड़ और ज्यादा रोमांच आपको फिल्म में नहीं मिलेगा। एक सपाट सा सफर है शायद इस वजह से कहानी दिमाग में उतरती है पर दिल में नहीं। ऐसा ही कुछ सीन्स की वजह से भी होता है जो तकनीकी तौर पर कमजोर दिखते हैं। दूरी से लिए गए शॉट्स का इंपैक्ट कम दिखता है। शायद फिल्मकार को अपनी कहानी पर इतना भरोसा रहा हो कि उन्हें तकनीकी जरूरतें न महसूस हुई हों। फिल्म का पहला भाग मुझे कमजोर लगा। अक्षय ने अपने अभिनय से कई जगह हमारे दिलों में उतरने की अच्छी कोशिश की है, पर उतर नहीं पाते। वैसे कहानी में जितनी सच्चाई है फिल्म उस तरह दिखा नहीं पाती।
खूबियों की बात करें तो विषय वाकई कमाल का है। फिल्म देशभक्ति की भावना जगाती है। खासकर फिल्म के दूसरे भाग में ऐसा होता है। बिना कुछ महसूस करते हुए आप फिल्म तो देखते रहेंगे, ‘एयरलिफ्ट’ उबाऊ नहीं है। खासकर क्लाइमैक्स के दौरान के कुछ सीन्स आपको छू जाएंगे। फिल्म में निमरत की रियलिस्टिक एक्टिंग है। फिल्म का संगीत अच्छा है। गानों की बात करें तो ‘दिल चीज तुझे दे दी’, शायद आपको फिल्म देखने के बाद भी याद रहे। कुल मिलाकर 26 जनवरी नजदीक है और देशभक्ति का जज़्बा जगाने वाली फिल्म रिलीज हुई है। गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज एयर इंडिया के अब तक के सबसे बड़े मिशन पर एयरलिफ्ट बनी है जिसे मेरी तरफ से 3 स्टार्स।