लखनऊ: सीइसआईआर.सीडीआरआई लखनऊ में भारत में प्राकृतिक उत्पादों पर अनुसन्धान की परंपरा को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के सहयोग रिन्यूइंग द ट्रेडिशन ऑफ़ नैचुरल प्रोडक्ट रिसर्च इन इंडिया विषय पर चल रही तीन दिवसीय ब्रेन स्टोर्मिंग मीटिंग का आज दूसरा दिन था।  

मीटिंग में आज सीइसआईआर.सीडीआरआई लखनऊ के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में आईआईएससी बेंगलुरु में प्रोफेसर डॉ टी के चक्रबर्ती, आईआईसीटी के निदेशक डॉ एस चंद्रशेखर तथा एनसीएल पुणे से आये डॉ डी एस रेड्डी ने नेचुरल प्रोडक्ट सिंथेसिस के क्षेत्र में हो रहे आधुनिकतम अनुसन्धान पर चर्चा की एवं इस क्षेत्र में अनुसन्धान की संभावनाओं एवं आवश्यकताओं पर भी प्रकाश डाला। 

एनसीबीएस बेंगलुरु से आईं केमिकल इकोलॉजिस्ट,  डॉ शेनॉन ओल्सोन ने जेनेटिक बेसिस एवं उनके इकोलॉजिकल कॉन्सीक्वेन्सेस के परस्पर संबंधों पर चर्चा की साथ ही यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेस बेंगलुरु से आये डॉ उमाशंकर ने पौधों के सेकेण्डरी मेटाबोलाइट्स  के बायो प्रोस्पेक्टिंग विषय में रोचक जानकारी प्रदान की तथा इस क्षेत्र में अनुसन्धान की संभावनाओं पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। 

मीटिंग में आज के अंतिम सत्र में जेएनसीएएसएआरए बेंगलुरु से डॉ तापस कुंडू ने एपिजेनिक फेनोमेना को समझने के लिए केमिकल बायोलॉजिकल अप्रोच पर सभी का ध्यान आकर्षित किया तथा सीइसआईआर.सीडीआरआई लखनऊ,  के डॉ सब्यसाची सान्याल ने बायोलॉजिकल पाथवेस के साथ नेचुरल प्रोडक्ट के परस्पर इंटरेक्शन के रहस्यों के विषय में अपनी महत्वपूर्ण रिसर्च को साझा कियाण। 

ब्रेन स्टोर्मिंग मीटिंग में उपस्थित सभी वैज्ञानिकों ने नेचुरल प्रोडक्ट पर रिसर्च की भविष्य की योजनाओं पर जम कर विचार विमर्श कियाण।  कल इस मीटिंग का आखिरी दिन रहेगा जिसमे इस मीटिंग के निष्कर्षों के आधार पर इस क्षेत्र में अनुसन्धान की भावी रणनीति तैयार की जाएगी