लखनऊ : पिछड़ा समाज महासभा ने पूरे देश में मुसलमानों पिछड़ों और दलितों पर शोषण भेदभाव करने का आरोप केंद्र व  राज्य सरकारों पर लगाते हुए कहा है कि देश में जो भी कुछ हो रहा है वह केंद्र एवं राज्य सरकारों के मिली भगत से हो रहा है। यह जानकारी आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक मालिक  और राष्ट्रीय महासचिव शिव नारायण कुशवाहा ने दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ब्राह्मण वादी  के तहत पूरे देश में रामराज्य लागू करना चाहती हैए और इस तरह के षड्यंत्र रच रही है और इस साजिश में पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों के कुछ दलाल नेता इस  काम में केंद्र और राज्य सरकारों की मदद कर रहे हैं, लेकिन ऐसे लोग समाज के नज़रों में केवल गद्दार ही साबित हुए हैं। इतिहास गवाह है कि ऐसे लोगों का समाजी बहिष्कार ही नहीं हुआ है बल्कि समाज में उनका पतन भी हुआ है। 

नेताओं ने यह भी कहा कि पिछड़ों दलितों और मुसलमानों में कुछ दलाल नेता ऐसे हैं जो समाज के लोगों का अलग अलग पार्टियों से सौदा करके अपना सुवार्थ सिद्ध  करते हैं वरना आज यह समाज जिनकी  की संख्या 90 प्रतिशत है के लोग बदहाली, भुखमरी, अन्याय के शिकार नहीं होते।

नेताओं ने यह भी कहा कि विशेष रूप से आतंकवाद के नाम पर पूरे देश के मुसलमानों में दहशत पैदा किया जा रहा है कब किस को आतंकवाद के नाम पर  जेल भेज दिया जाए कुछ पता नहीं और कई वर्षों तक उन्हें बे कसूर जेल में रहने के बाद जब वह निर्दोष रिहा होकर जेल से बाहर आते हैं तब तक उनका पूरा परिवार बर्बाद हो चुका होता हेण् अफ़सोस तो इस बात का है कि निर्दोष लोगों को जेल भेजने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है और न ही उनको  किसी तरह का मुआवजा दिया जाता है।

नेताओं ने देश के सभी मूल निवासियों  से अपील की है कि वे अलग अलग से संघर्ष न करके एकजुट होकर संघर्ष करें तभी इस सड़ी गली व्यवस्था से मुक्ति प्राप्त कर पाएंगे ण्वरना  रामराज्य लाने में कोई देरी नहीं होगी। जहां सभी मूल निवासी गुलाम नहीं दर गुलाम होंगे।