नेशनल हेराल्ड, नवजीवन व कौमी आवाज अखबार शीघ्र खुलेंगे
बकाया भुगतान मेें भेदभाव दूर करने का किया वोरा ने किया वादा
लखनऊ। नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज का पुनः प्रकाशन (री-लांच) शुरू किया जायेगा और हेराल्ड कर्मचारियों के क्षतिपूर्ति (Compensetion) भुगतान में गड़बरियों और भेदभाव को शीघ्र दूर किया जाएगा।
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के चेयरमैन और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने एसोसिएटेड जर्नल्स प्रा. लिमिटेड के शेयर होल्डरों की बैठक के बाद एसोसिएटेड जर्नल्स इम्प्लाइज यूनियन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान उक्त बात कही। यूनियन के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री शरत प्रधान, दिलीप कुमार सिन्हा, काजिम हुसैन, राकेश मणि पंाडेय और मो0 शाहिद शामिल थे।
एसोसिएटेड जर्नल्स इम्प्लाइज यूनियन के पूर्व महामंत्री दिलीप कुमार सिन्हा का कहना है कि लखनऊ हेड आफिस के कर्मचारियों को दिये गये क्षतिपूर्ति (ब्वउचमदेमजपवद) भुगतान और दिल्ली ब्रांच आफिस के कर्मचारियों के क्षतिपूर्ति (ब्वउचमदेमजपवद भुगतान मंे भेदभाव किया गया है। अखबारों को बन्द करते समय लखनऊ हेड आफिस को 15 दिन और दिल्ली ब्रांच आफिस को 30 दिन का क्षतिपूर्ति (ब्वउचमदेमजपवद) का भुगतान किया गया था जिसको लेकर कर्मचारियों में रोष था और वे पिछले काफी समय से आंदोलनरत थे।
यूनियन के पूर्व महामंत्री दिलीप कुमार सिन्हा ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि एजेएल की बैठक में आज यहां प्रेस परिसर में 32 शेयर होल्डरों ने भाग लिया जबकि कुल शेयर होल्डरों की संख्या 1026 बतायी जाती है। इस बैठक में श्री मोती लाल वोरा, सैम पित्रोदा, पुर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मौजूद रहें। निदेशक मंडल की बैठक में फैसला हुआ है कि कम्पनी के अखबारों को दोबारा शुरू किया जाएगा। इन अखबारों ने 1937 में आजादी की लड़ाई में देश के लोगों की आवाज बननें का काम किया था और समाज की बेहतरी और जनहित में ऐतिहासिक योगदान दिया था। निदेशक मडंल की बैठक में शेयर होल्डरों ने सर्वसम्मति से अखबारों का प्रकाशन शुरू करने पर अपनी मोहर लगा दी है। ईजीएम में पारित प्रस्तावों के मुताबिक एजेएल अब नाॅट फाॅर-प्राॅफिट कंपनी के रूप में काम करेंगी। इसके लिए कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 8 के अनुसार बदलाव करेंगी। इन अखबारों का मुख्यालय लखनऊ में ही था, ऐसे में अगली सामाप्य बैठक लखनऊ में ही होगी जिसमें अखबारों के प्रकाशन की खानापूर्ति की जाएगी।
दिलीप सिन्हा ने बताया कि मोतीलाल वोरा द्वारा अखबारों के पुनः प्रकाशन पर कम्पनी के सभी कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की और उनको बधाई दी है। इस आश्वासन के बाद यूनियन ने अपना आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया है और मोतीलाल वोरा से मांग की है कि लखनऊ हेड आफिस के कर्मचारियों को जल्द से जल्द बकाया कम्पेनसेशन का भुगतान करवा दें।
ज्ञातव्य है कि एसोसिएटेड जर्नल्स प्रा. लिमिटेड कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक मोती लाल वोरा ने 21 जनवरी को राजधानी में कैसरबाग के बिश्वेरनाथ रोड़ स्थित कम्पनी के मुख्य कार्यालय में कम्पनी के सभी बोर्ड के सदस्यों की एक विशेष आम बुलाई थी।
इसी बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने धरनास्थल पर पहुंचकर हेराल्ड कर्मचारियों को सम्बोधित किया और सभी समस्याओं को शीघ्र निपटाने का आश्वासन दिया। उन्होने कहा कि मोता लाल वोरा ने कहा है कि हेराल्ड के कर्मचारियों की सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि भाजपा के सुब्रमणियम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र समूह की 5000 करोड़ की सम्पत्ति यंग इण्डिया लिमिटेड के नाम करने का मुकदमा कर रखा है जिस पर मालिकाना हक सोनिया और राहुल का है। स्वामी ने सोनिया गांधी व राहुल गांधी के अलावा मोती लाल वोरा, आॅस्कर फर्नाडिज, सेम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया है। इन सभी पर आरोप है कि षड़यंत्र रचकर और यंग इडिंया के नाम से एक कम्पनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार की पब्लिशर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कम्पनी को अपने कब्जे में कर लिया है। इससे करीब 90 करोड़ रूपए की सम्पत्ति का अधिकार यंग इडिया को मिल गया है ।
ईजीएम में लिए गए फैसलेः-
1. एलेएल अब नाॅट फाॅर-प्रोफिट कम्पनी बनी।
2. कम्पनी के मेमोरेडम आॅफ एसोसिएशन में बदलाव होगा।
3. नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखगार फिर शुरू होंगे।
4. चैरिटी के लिए काम करेगी कम्पनी।