प्रदेश में चल रही धोखाधड़ी की सरकार: डा0 चन्द्रमोहन
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार ने जिस तरह से लोकायुक्त के मामले में सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है उससे उसके धोखाधड़ी वाले चरित्र की ही पुष्टि होती है। युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों को गुमराह करने वाली सपा सरकार ने राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक संस्थाओं को भी नहीं छोड़ा है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश में सरकार बनाने के बाद से ही समाजवादी पार्टी ने समाज के हर तबके को गुमराह करने का ही काम किया है। पिछले वर्ष अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को अब तक सपा सरकार वाजिब मुआवजा नहीं दे पाई है। हैरत की बात है कि राज्य सरकार ने किसानों को ही गुमराह करने के लिए वर्ष 2015 को किसान वर्ष घोषित कर दिया था लेकिन उनकी भलाई के लिए एक भी कारगर योजना नहीं शुरू की है। किसानों की हितैषी होने का दिखावा करने वाली सपा सरकार की असलियत इसी बात से भी जाहिर होती है कि लगातार तीसरे साल गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य नहीं बढ़ा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार के पास अपनी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव का शाही जन्मदिन मनाने, सैफई महोत्सव के नाम पर बेहिसाब खर्चे के लिए धन है लेकिन किसानों के लिए खजाना खाली है। अपने चुनावी घोषणापत्र में सपा ने इंटर पास करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को निरूशुल्क लैपटॉप, बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्याधन जैसी योजनाएं चलाने का वादा किया था लेकिन एक वर्ष के बाद इन्हें बंद करके राज्य के करोड़ों युवाओं के साथ धोखाधड़ी ही की है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मेधावी युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में आने से रोकने के लिए सपा सरकार ने एक साजिश के तहत अपराधी अनिल यादव को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कमान सौंपी। सपा सरकार में हुई हर भर्ती में युवाओं के साथ धोखाधड़ी हुई है। सपा सरकार के मंत्रियों की शह पर ऐेसे गैंग राज्य में सक्रिय हो चुके हैं जो नौकरी की आस लगाए युवाओं से धोखाधड़ी कर धन वसूल रहे हैं। अकेले राजधानी लखनऊ में पिछले एक वर्ष में आधा दर्जन से अधिक ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं। हालांकि इन सभी की गहन पड़ताल करने की बजाय गुपचुप तरीके से इनको दबा दिया गया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि वूमेन पॉवर लाइन-1090 महिला सुरक्षा के नाम पर जनता को गुमराह करने का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस संस्था को न तो किसी कानून से मान्यता मिली है और न ही यह आरोपी पर कोई मुकदमा दायर कर सकती है। इसकी भूमिका महज एक काउंसिलिंग सेंटर की ही है लेकिन सपा सरकार ऐसा ढिंढोरा पीट रही है मानों महिला सुरक्षा पर वूमेन पॉवर लाइन-1090 खोल कर क्रांति ही कर दी है। जबकि राजधानी समेत सभी जिलों में महिलाओं पर अपराध बेहिसाब बढ़ चुके हैं और सपा सरकार वूमेन पॉवर लाइन का ही राग अलाप रही है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में चल रही सपा सरकार ने एक धोखाधड़ी का साम्राज्य स्थापित किया है जिसमें गरीब जनता, किसानों, महिलाओं, युवाओं के लिए कोई राहत नहीं है।