कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे एकदिवसीय मैच में बल्लेबाजी क्रम के ध्वस्त होने की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि शिखर धवन और विराट कोहली के शतक के बाद उन्हें टीम को लक्ष्य तक पहुंचाना चाहिए था। मनुका ओवल में 349 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम एक समय एक विकेट पर 277 रन बनाकर काफी अच्छी स्थिति में थी। लेकिन इसके बाद उसने 46 रन पर नौ विकेट गंवाए। जिससे पूरी टीम 49.2 ओवर में 323 रन पर ढेर हो गई। भारत ने मैच 25 रन से गंवाया और सीरीज में 0-4 से पिछड़ रहा है जिससे धोनी निराश हैं।

धोनी ने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं, मैं निराश हूं। यह ऐसा मैच था जिसमें हमें बेहतर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। मैं जिम्मेदारी लेता हूं। मुझे पारी को आगे बढ़ाना चाहिए था लेकिन मैं आउट हो गया। युवाओं पर कुछ दबाव था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट दबाव का खेल है, आपको सही शॉट के बारे में सोचना होता है। धवन (126 रन) और कोहली (106 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 212 रन की साझेदारी करके मेजबान टीम को बैकफुट पर डाल दिया। लेकिन केन रिचर्डसन ने पांच विकेट चटकाकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त किया। धोनी ने धवन और कोहली की तारीफ करने के अलावा अनुभवहीन गेंदबाजी आक्रमण का बचाव भी किया।

धोनी ने कहा कि रोहित ने शिखर के साथ काफी अच्छी बल्लेबाजी की। और धवन और कोहली ने बेजोड़ बल्लेबाजी की। पिछले पांच साल में स्पिनरों के अलावा हमारा गेंदबाजी आक्रमण तय नहीं है। जिसके कारण कुछ अधिक रन दे दिए जाते हैं। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने धवन और कोहली के प्रयासों की तारीफ करने के अलावा रिचर्डसन और अपनी टीम के कभी हार नहीं मानने के जज्बे को पूरा श्रेय दिया।

स्मिथ ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि वे लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ विकेटों ने पासा पलट दिया। रिचर्डसन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। कोहली और शिखर बल्लेबाजी कर रहे थे तो आपको सभी चीजें आजमानी थी। ऐसा लग रहा था कि हमें 15 या 16 क्षेत्ररक्षकों की जरूरत है। आज रात हमने कभी हार नहीं मानने का जज्बा दिखाया। जब हमें मौका मिला तो हमने इसका पूरा फायदा उठाया। रिचर्डसन को एकदिवसीय क्रिकेट में पहली बार पांच विकेट चटकाने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।