लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा की ओर से सीतापुर गांव पीते पुर बाराबंकी गांव वारिस नगरए जगदीशपुरमें आज किताबें बांटी गईं। इस अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक  मलिक ने कहा कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां 69 वर्षों से मुसलमानों को धोका  दे रही हैं, अगर यह धर्मनिरपेक्ष पार्टियां वास्तव में धर्मनिरपेक्ष होती तो मुसलमानों  की हालत बद से बदतर होती। आज़ादी से  पहले जहां सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी मुसलमानों की हिस्सेदारी थी जो अब घटकर कर एक प्रतिशत रह गई है। 69 वर्षों से लगातार  हो रहे दंगों में सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों का ही हुआ। जहां जहां पर मुसलमानों ने विकास की वहीं पर दंगे करा कर आर्थिक रूप से बर्बाद ही नहीं किया गया बल्कि सैकड़ों वर्ष पीछे हो गए हैं, तरक्की  में सभी रुकावटें पैदा की गईं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया को बुरी तरह बर्बाद करने की साजिश लगातार की जा रही हैं, अब इन दोनों विश्वविद्यालयों के अल्पसंख्यक अधिकार खत्म करने की साजिश की जा रही है। आज सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है, सरकारों की पूरी कोशिश है कि भारत के मुसलमानों को  शैक्षिक और सामाजिक रूप से अलग कर दिया जाए और उन्हें देश की मुख्यधारा से न जोड़ा जाए इसलिए बराबर यह कोशिश जारी है कि उनमें एकता पैदा न हो। आज किसी भी स्तर पर उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा हैए और उन के ऊपर अत्याचार के पहाड़ लगातार तोड़े  जा रहे हैं, मालिक  ने यह भी कहा कि आज मुसलमानों का दुश्मन कुछ मुस्लिम समाज के दलाल नेता व धर्म के ठेकेदार हैं उन्हें सिर्फ अपना फायदा नज़र आता है वहीं पर यह सिर झुका लेते हैं और मुसलमानों की बात करते हैंए लेकिन मुसलमानों के बदहाली पर सड़कों पर उतर कर आज तक कोई संघर्ष नहीं किए हैं, यह केवल चुनाव के समय मुसलमानों का रोना रोते हैं और विभिन्न दलों से मुसलमानों का सौदा करके अपना लाभ निकालते हैं, जब तक यह दलाल नेता व ऐसे धर्म के ठेकेदार रहेंगे मुस्लिम कभी विकास नहीं कर सकता। ऐसे लोगों के चेहरे को  पर्दाफाश करने होग उन का  सामाजिक बहिष्कार भी करना होगा तभी  मुस्लिम विकसित हो पायेगाए। मलिक  ने यह  भी कहा कि महासभा लोगों के शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक तथा उनके अधिकार दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और इसमें तेजी भी हो रहा है। मालिक  ने समाज से अपील की है कि इन तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों से सावधान रहें और सभी कोशिशों से दूर रह फसली आर्थिक, सामाजिक एंव शिक्षा रूप में आगे बढ़ें तभी यह समाज विकासित होगा और देश की मुख्य धारा में जड़ पाएंगे।

इस औसर पर शमशाद अली पूर्व प्रधान, मुहम्मद रफीक, इस्लाम, मोहम्मद असलम, अख्वी  शकील अहमदए,मौज अली, इरशाद अहमद, जलील अहमदए अशर, अली, मोलाना  शब्बीर, यार मुहम्मद समेत  भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।