रोहित वेमुला की आत्महत्या दलितों पर बढ़ते अत्याचार का सबूत: एसआईओ
लखनऊ: हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक दलित छात्र नेता रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या किया जाना देश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा का परिचायक है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि देश के शिक्षण संस्थानों में सांप्रदायिकता का भयावहता किस तेज़ी से अपने पैर पसार रही है। उक्त विचार स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया के यूपी सेंट्रल प्रांत की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में अध्यक्ष तय्यब अहमद ने व्यक्त किए।
उन्होने कहा कि देश के शिक्षण संस्थानों में इस प्रकार की घटनाओं से समूचा छात्र समुदाय स्तब्ध है। देश में मौजूद कुछ वर्ग दलितों एवं पिछड़े वर्ग की उच्च शिक्षा में बढ़ती सक्रिय भागीदारी से चिंतित हैं तथा उनको कुचल देना चाहती हैं। परिणामस्वरूप छात्रों को अत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। हैदराबाद विवि के दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या का मामला इसी भेदभावपूर्ण मानसिकता का परिणाम है।
उन्होने कहा देश सामाजिक व्यवस्था में कुछ वर्ग हैं जो दलित वर्ग पर अपनी परंपरागत श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए उनको पतन की ओर धकेल रहे हैं तथा उन पर अत्याचार कर रहे हैं। यह घटना देश के सामाजिक तानेबाने पर एक कलंक है। एसआईओ यूपी सेंट्रल यह मांग करता है कि हैदराबाद विवि में घटित इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा दोषियों के खिलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। और विवि प्रशासन में भी जो लोग दोषी होंए जिनके संवेदनहीनता के चलते रोहित वेमुला को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ाएउन पर भी कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना दोबारा न हो सके।