सब्स्क्राइबर 800 चैनल नहीं देखना चाहता: हरित नागपाल
DTH क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठित कंपनी के एमडी और सीईओ हरित नागपाल फेज 3 के डिजिटाइजेशन को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं, उनके अनुसार दो फेज प्रयोगात्मक थे जबकि फेज 3 और 4 वास्तविक हैं जिनके अंतर्गत देश के 85 प्रतिशत परिवार आते है। प्रस्तुत है इसी विषय पर उनसे पूछे गए सवाल जिनका उन्होंने बहुत विस्तार से जवाब दिया ।
प्रश्नः टीवी के अनिवार्य डिजिटाइजेशन के फेज 3 के लिए अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2015 को समाप्त हो गई। सरकार द्वारा उपभोक्ताओ को समझाने का प्रयास स्पष्ट नजर आया। आपके विचार से यह बदलाव कैसे आया?
उत्तरः अब तक का परिवर्तन बहुत अच्छा रहा। बहुत से प्रदिपादन आए जो एमआईबी और टीआरएआई तक पहुंचे, लेकिन दोनों संगठन अंतिम तिथि तक दृढ़ रहे। 31 तारीख को उन्होंने फेज 3 मार्केट के अधिकतर सिगनलों के लिए ब्लैकआउट करने की घोषणा की।
प्रश्नः फेज 3 का डिजिटाइजेशन बेहद महत्वपूर्ण क्यों है? फेज 1 और फेज 2 पहले से ही मेट्रो शहरों को कवर कर लिया था, यह इतना महत्वपूर्ण क्यों था?
उत्तरः फेज 3 महत्वपूर्ण था क्योंकि फेज 1 और फेज 2 प्रयोग आधार पर थे। उनमें टीवी वाले घरों का लगभग 14-15 प्रतिशत हिस्सा ही शामिल था। फेज 3 और फेज 4 के अंतर्गत देश के लगभग 85 प्रतिशत घर आते हैं। इसलिए पहले दो फेज प्रयोगात्मक थे और फेज 3 और 4 वास्तविक डिजिटलाइजेशन थे। दूसरा, फेज 3 इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि यह पहली बार था जब हम उन भौगोलिक क्षेत्रों में जा रहे थे जो बिखरे हुए थे। हम अपने आप को केवल मैट्रो शहरों और मिनी मैट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं रख रहे हैं जिन्हें एनालाॅग सिगनल को बंद करने के संबंध में नियंत्रित करना आसान है। ये फैले हुए क्षेत्रों हैं और इनमें सिगनल को लीकेज को रोकना किसी भी संचालनकर्ता के लिए कठिन है।
प्रश्नः आप कैसे जानते हैं कि कितनों को बदल दिया गया है, कितनों को बंद कर दिया गया है। इन संख्याओं का पता लगना कब शुरू हो जाएगा?
उत्तरः हमारे पास देश के लगभग सभी हिस्सों में मानव संसाधन है क्योंकि हम देश के छोटे से छोटे गांवों में भी हमारे कनेक्शन इन्सटाॅल करते हैं, रिपेयर करते हैं और बेचते हैं। इसलिए हमारे पास एक निगरानी टीम है जो फेज 3 के प्रत्येक शहर की निगरानी करती है। उनके पास स्थानीय केबल आॅपरेटर है जो यह ध्यान रखते हैं कि किसी व्यक्ति का सिगनल बंद कर दिया गया है या नहीं। हमने सक्रिय रूप से इस सूची को तैयार किया और इसे एक फीडबैक के रूप में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास भेजा ताकि वे इस पर कार्यवाही करें।
प्रश्नः टाटा स्काई जैसे खिलाड़ी के लिए आय के बढ़ने के क्या अवसर हैं? अतिरिक्त राजस्व के संबंध में इसका क्या अर्थ है?
उत्तरः डीटीएच आॅपरेटर पिछले दस सालों इस उम्मीद में डिजिटाइज किए जा रहे हैं कि एक समान अवसर पैदा किए जा सकें और प्रत्येक डिजिटल होगा। एक डिजिटल ओपरेटर पूर्ण रूप से पारदर्शी होता है-ब्रोडकास्टरों और सरकार को सभी प्रकार के कर देता है, जबकि एक एनालाॅग आॅपरेटर अपने ग्राहकों की जानकारी भी नहीं देता। इसलिए उन मार्केटों से प्राप्त आय का अभी तक कोई हिसाब-किताब नहीं है। इसलिए सरकार को कर नहीं मिल रहे; ब्रोडकास्टरों को कंटेंट निर्माण की लागत नहीं मिल रही। एक बार पूरे देश के डिजिटाइज होने पर और सब्सक्राइबर आधार पारदर्शी होने पर हम एक समान अवसर की उम्मीद कर सकते हैं।
प्रश्नः आपके विचार से डिजिटाइजेशन देश को किस प्रकार बदलने जा रहा है?
उत्तरः अगर हम केवल राजस्व और सरकारी करों की ही बात करें और इस प्रक्रिया में ग्राहकों को भूल जाएं तो यह गलत होगा। डिजिटल दुनिया में ग्राहक के पास इस बात का विकल्प होगा कि वह क्या देखना चाहता है, उसके पास यह चुनाव करने का अधिकार होगा। वे दिखाए जाने वाले 800 चैनलों को नहीं देखना चाहता। वह 24, 40 या 50 चैनल ही देखना चाहता है, जो उसे अपने टेलीविजन सेट में चाहिए। वह उसे चुनता है और उसी के लिए भुगतान करता है। इससे भी बढ़कर है कि उसके पास हाई डेफिनेशन, इंटरएक्टिव सर्विस और डीवीआर का विकल्प है जिसके अनुसार वह अपनी सुविधा के अनुसार समय पर कार्यक्रम को देख सकता है।
प्रश्नः आने वाले साल में टेलीकाॅम और टेलीविजन का संयोजन कैसे प्ले आउट किया जाएगा? अब इतना अधिक कंटेंट टेलीफोन पर देखा जाता है? आपके अनुसार इसे कैसे प्ले आउट किया जाएगा?
उत्तरः यह पहले ही प्लेआउट हो रहा है। टाटा स्काइ्र ने ‘हर जगह टीवी’ की शुरूआत 3 साल पहले की थी जिसमें जो भी कुछ आप टीवी पर सब्सक्राइब करते हैं उसे अपने फोन या टैबलाॅइड पर देश में कहीं पर भी देख सकते हैं। इसलिए वे सभी चैनल जिनको आपने सब्सक्राइब किया है वे फोन पर भी देखे जा सकते हैं जिनमें विडियो आॅन डिमांड भी शामिल हैं। हमारे पास 5000 फिल्मों, नाटकों, शो अदि की एक लाइब्रेरी है और ये सभी न केवल आपके टेलीविजन पर उपलब्ध हैं बल्कि आपके फोन भी उपलब्ध हैं।
प्रश्नः संयुक्त डिजिटल सेवा प्रदान करने में आपके सामने क्या चुनौतियां हैं?
उत्तरः ओवर द टाॅप सर्विस और यात्रा करते हुए कंटेंट की खपत के संबंध में अच्छे प्रसारण का न होना एक बहुत बड़ी चुनौति है। अगर यात्रा करते समय एक शक्तिशाली वायरलैस ब्राॅडबैंड उपलब्ध नहीं है या घर में तार युक्त ब्राॅड बैंड उपलब्ध नहीं है, जो अच्छी गुणवत्ता की विडियो स्पीड को सुनिश्चित करता है, तो ओवर द टाॅप का सपना एक सपना ही रहेगा।
प्रश्नः 2016 में टाटा स्काई के सीईओ के रूप में कौन से ऐसे मुद्दे हैं जो आपको व्यस्त रखने वाले हैं? इस साल सूची में सबसे ऊपर कौनसे मुद्दे हैं?
उत्तरः हमें ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक प्रवेश करना होगा। ग्रामीण लोगों तक उनके टेलीजिवन सेट में डिजिटल सेवाएं पहूंचाना बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए संरचना में हमारा वितरण और सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मजबूत होंगी। साथ ही पिछले 10 सालों में प्राप्त सब्सक्राइबरों के लिए हमने बारी बारी से हाई डेफिनेशन, रिकाॅर्डर, कहीं पर भी टीवी, विडियो आॅन डिमांड प्रदान किए हैं ताकि यात्रा के दौरान कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए अगले स्तर पर संयुक्त डिजिटाइज्ड सेवाओं को प्राप्त करने में उनकी सहायता की जा सके।