दिल्ली। सरकार ने माना है कि सोशल मीडिया आईएस जैसे कट्टरपंथी संगठनों के प्रसार का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि आईएस सोशल मीडिया के जरिए देश में अपने आतंक का नेटवर्क चलाने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने अब इस प्लेटफॉर्म पर इसका प्रसार करने वाले और इनकी चपेट में आने वालों पर नजर रखने के लिए एक सेल का गठन किया है। सूत्रों के अनुसार ऐसे लोगों को ट्रैक करने के लिए 100 से अधिक कैचवर्ड बनाए गए हैं, जिनके बदौलत फेसबुक और टि्वटर पर ऐसे कंटेंट को हमेशा ट्रैक किया जाएगा।

इस सेल में साइबर वर्ल्ड के जाने-माने एक्सपर्ट्स को रखा गया है। यह टीम हर हफ्ते अपनी रिपोर्ट होम मिनिस्ट्री को सौंपेगी और बीच में किसी संदिग्ध कंटेंट या लोगों की बातों पर संदेह होने पर तुरंत सुरक्षा एजेंसी को आगाह करेगी। दरअसल अब तक आईएस से जुड़ने के आरोप में जितने भी भारतीय युवा पकड़े गए हैं, उनमें सबसे कॉमन यह थी कि वे सभी सोशल मीडिया पर ऐक्टिव थे।

सरकार का मानना है कि यदि उस वक्त हमने ऐसे किसी सेल का गठन किया होता और वह काम कर रहा होता तो इन सभी को समय रहते पकड़ा जा सकता था। सूत्रों के अनुसार अब तक सबसे अधिक आईएस गतिविधियों की सूचना जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और तेलंगाना से सामने आई है। इसके अलावा यूपी से भी बीच-बीच में ऐसी खबरें आईं हैं। होम सेक्रटरी ने उन राज्यों के अधिकारियों को विशेष अलर्ट करते हुए दूसरे सटे राज्यों को भी इनपुट लेने को कहा। साथ ही इस्लामिक आतंकवाद और इनके सिद्धांत से प्रभावित होने वाले युवाओं का पहले काउंसिलिंग करने को भी कहा गया, ताकि इसका प्रसार न हो सके।