केंद्र के बहकावे में नहीं आएंगे बाबा साहेब के अनुयायी: मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज प्रेस कांफ्रेंस में सैफई महोत्सव को लेकर मुलायम सिंह पर करारे प्रहार किए। मायावती ने कहा कि लोहिया होते तो मुलायम को बाहर कर देते। सरकार के पास सूखे के लिए पैसा नहीं है, लेकिन सैफई में पैसा लुटाया गया। लोहिया के समाजवाद के खिलाफ काम हो रहा है। मुलायम ने अपना जन्मदिन शाही अंदाज़ में मनाया। मेरे जन्मदिन पर मेरी सरकार में जनकल्याण के लिए शुरू की गई तमाम योजनाएं इस सरकार ने बंद कर दी हैं।
मायावती ने बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर केंद्र की सक्रियता पर कहा कि सिर्फ संग्रहालयों के बना देने से उनके अनुयायी बहकावे में नहीं आने वाले। महापुरूषों के लिए बनाए गए स्मारकों के साथ जातिगत और सियासी बदले की भावना से काम किया जा रहा है, इसका सही समय पर जवाब देंगे।
आरक्षण को लेकर माया ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को देना चाहिए था। पदोन्नति में आरक्षण देना चाहिए था। जो पिछड़े हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई बन गए हैं, उनको भी आरक्षण देना चाहिए था। उच्च जाति के गरीबों को अभी आरक्षण देना चाहिए था। मैं केंद्र सरकार से ये अनुरोध संसद में भी कर चुकी हूं और आज भी करती हूं।
आरक्षण में कई मामलों में कटौती हुई है जो कांग्रेस के समय में भी देखने को मिल चुकी है। इस बार बीजेपी और नरेंद्र मोदी जी ने जो समाज के तमाम तबकों के लिए अनेकों चुनावी वायदे किये थे वो अच्छे दिन नहीं आए। खासकर मुस्लिम समाज के लिए तो केंद्र का रवैया बहुत ही नकारात्मक रहा है।
मायावती ने कहा कि बाबा साहब के अनुयायी भाजपा के द्वारा उनके नाम पर किए जा रहे कार्यों से सावधान रहें। सपा सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि सपा के समाजवाद और लोहिया के समाजवाद में काफी अंतर है। एसपी सरकार लोहिया के समाजवाद से एकदम अलग चल रही है।
अंबेडकर के अनुयायियों से भी अपील है कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों द्वारा उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। बाबासाहेब की 125वीं सालगिरह पर दलितों की भालई के लिए फैसले लेने चाहिए थे लेकिन नहीं लिए गए। इस मौके पर पदोन्नति में आरक्षण का निर्णय लेना चाहिए था। इस मौके पर दलितों की आर्थिक स्तर सुधारने के लिये अहम फैसले लेने चाहिए थे।
अन्य धर्मों के दलितों को भी आरक्षण मिलना चाहिए। केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करके सवर्ण समुदाय के गरीब लोगों को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए था। लेकिन दुख की बात है कि इन सब मामलों में केंद्र सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। मैं अपने जन्मदिन के अवसर पर बाबा साहेब की 125वीं सालगिरह वर्ष में इन सभी कामों को करने की अपील करती हूं।
केंद्र पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि महिलाओं , दलितों, पिछड़ों के अच्छे दिन लाने के जो सपने दिखाये थे वो सपने ही बन कर रह गए हैं। इन्होंने वादा किया था कि सरकार बनने पर 100 दिन के भीतर काला धन वापस लाकर गरीब लोगों को 20-25 लाख रूपये दिया जाएगा, लेकिन इनका ये वादा अभी तक पूरा नहीं हो सका है। अब तक इनके फैसलों का फायदा धन्नासेठों को ही मिलता है, जिनके पैसे का इस्तेमाल ये पार्टी चुनावों के दौरान करती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और काला धन की वापसी के नाम पर जो पाबंदियां लगाई जा रही हैं उससे देश का व्यापारी वर्ग परेशान है। देश के आपराधिक तत्वों को कानून से ऊपर रखकर देश का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बावजूद जनता को इसका फायदा नहीं दिया जा रहा है। पाकिस्तान के मामले में सरकार की नीति बिल्कुल भी स्थिर नजर नहीं आती है।
माया ने कहा कि मैं अपने संतों की सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की नीति के तहत अपना जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में हर साल मनाती हूं और पूरे देश में मेरे अनुयायिओं द्वारा मनाया जाता है। चुनावों में अब बहुत कम वक़्त बचा है, इस बार हर हाल में सपा की सत्ता से हमेशा हमेशा के लिए कार्यकर्ताओं को मुक्ति दिलानी है, खुलेआम घूम रह गुंडे माफ़ियाओं का मनोबल तोड़ना है। बीएसपी को पूर्ण बहुमत मिलने पर ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था कायम रहेगी। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल में भी हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी।
केंद्र को निशाने पर लेते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि लगभग 50 वर्षों से भी अधिक समय तक यूपी के नेताओं ने देश का नेतृत्व किया है, लेकिन यूपी के विकास के लिए कुछ नहीं किया है। मौजूदा पीएम ने भी वाराणसी को छोड़कर कहीं कोई काम नहीं किया है। विधानसभा के चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने बिहार और दिल्ली का अपना घिसा-पिटा नाटक करना शुरू कर दिया है। अनेकों घोषणाएं और शिलान्यास चुनावों के मद्देनजर ये लोग करेंगे और चुनावों के बाद ठंडे बस्तों में डाल देंगे। हिंदू धर्म के नाम पर राज्य की सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है।