पिछड़ों दलितों मुसलमानों का जन प्रतिनिधियों से होगा सवाल

लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा ने 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार द्वारा किए गए वादे अभी पूरा ना किए जाने का सवाल जनप्रतिनिधियों से पूछेगा। इसके लिए महासभा गावं गावं जा कर जनता को जागरूक कराए गा। यह जानकारी आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक मालिक  और राष्ट्रीय महासचिव शिव नारायण कुशवाहा ने दी।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने 2012 में पिछड़ों दलितों मुसलमानों के समाधान के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में वादे किए थे।   चार वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अभी भी वादा केवल जुमला  बन कर रह गया है।  नेताओं के अनुसार सरकार मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने, सभी मुस्लिम क्षेत्रों में स्कूल व आई आई टी स्थापित करने, सभी कब्रिस्तान की चहारदीवारी बनाए जाने, आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुस्लिम नौजवानों की रिहाई और उन्हें मुआवजा दिए जाने मानक करने वाले सभी कॉलेजों को यूनिवर्सिटी का दर्जा दिए जाने, सच्चर समिति रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने, मुसलमानों में सुरक्षा के लिए पुलिस व पीएसी में मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व देने, वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जों को तुरंत हटाए जाने जैसे कई वादे किए थे। वह अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।  इसे जनता बखूबी जानती है।

नेताओं ने यह भी बताया कि सरकार में आते ही समाजवादी पार्टी ने दलितों के प्रमोशन में रिज़र्वेशन समाप्त कर दिया।  दलितों के विकास के लिए आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया बल्कि उनका बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री होते हुए भी पिछड़ों के आरक्षण कोटा बढ़ाए जाने विशेष भर्ती चला करके आरक्षण का कोटा पूरा किये जाने व पिछड़े समाज के विकास के लिए आज तक कोई ठोस कार्यक्रम नहीं बनाया गयाण्पिछड़ों के नाम पर केवल एक जाति के लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है  कानून व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।

नेताओं ने यह भी बताया कि चार वर्षों में राज्य में दंगों की बाढ़ आ गई है नेताओं ने कहा कि महासभा गांव गांव जाकर के सपा के ज़रिए किए गए वादों को बताएगी और जनता से अपील करेगी कि 2017 में आने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा किए गए वादे के जनप्रतिनिधियों से सवाल करें। अब कोई पार्टी झूठ बोल कर सत्ता नहीं हासिल कर सकती है।