फ़र्ज़ी डिग्रियां रोकने के लिए होगी कोडिंग की व्यवस्था: नाईक
राज्यपाल ने कुलपतियों के सम्मलेन को सम्बोधित किया
जौनपुर: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि प्रदेश में भी कुलपतियों का कार्यकाल केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह ही पांच वर्ष करने के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। इससे कुलपतियों को अधिक समय तक कार्य करने का जहां अवसर मिलेगा, वहीं विश्वविद्यालयों के कामकाज में स्थिरता आएगी। अभी उनका कार्यकाल तीन वर्ष ही है। राज्यपाल जौनपुर में पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रदेश के २५ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के एक दिवसीय सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कुलाधिपति ने लखनऊ में हुई कुलपतियों की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। फर्जी डिग्रियों पर रोक लगाने के लिए उनकी कोडिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस बार विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं समय पर हुईं और नकल भी अपेक्षाकृत कम हुई। दीक्षांत समारोहों में पहने जाने वाले परिधान के संबंध में उन्होंने कहा कि अब तक दस विश्वविद्यालयों के दीक्षांत भारतीय वेशभूषा में हो चुके हैं। बाकी में भी इसे लागू किया जाएगा। छात्रसंघ चुनावों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि चार विश्वविद्यालयों में चुनाव संपन्न हो गए है।
प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति के बारे में पूछे गए एक सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इस संबंध में शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश का पत्र मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष को भेज दिया गया है। इसी तरह जब मुख्यमंत्री का पत्र उनके पास आया तो उसे मुख्य न्यायाधीश व नेता प्रतिपक्ष को भेज दिया गया। अब १९ जनवरी को मामले की सुनवाई होगी। राज्यपाल ने बताया कि सम्मेलन में उन्होंने कुलपतियों से कहा है कि वे छात्रों, अभिभावकों, अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलने का समय निर्धारित करें। इसके लिए कार्यालय के बाहर बोर्ड लगाया जाए।