प्रवासी दिवस सम्मेलन फैमली शो बन कर न रह जाये: विजय बहादुर पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बगैर आधारभूत ढ़ाचे पर काम किये उ0प्र0 प्रवासी दिवस मनाने में जुटी अखिलेश सरकार सम्मेलनों में भाग ले रहे प्रतिनिधियों के सवालों से निरूत्तर है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मेट्रों से लेकर आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवें का बखान करते मुख्यमंत्री आखिर इनमें होने वाली प्रगति के सवालों पर झल्ला क्यों रहे है ? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवें कितना बन पाया है बतायेंगे ?
मंगलवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर उ0प्र0 प्रवासी दिवस पर चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि आगरा समिट के बाद एक बार फिर पर्यटन नगरी आगरा में प्रवासी दिवस में वही सवाल खड़े हुए। सरकार कानून व्यवस्था को लेकर छवि तो सुधारे। निवेश के लिए किये गये आगरा समिट में भी ढेरो एमओयू हुए सरकार ने अपनी पीठ थपथापई, इन एमओयू के नतीजे क्या निकले ये तो सरकार बताये किन्तु उस समय भी निवेशकों ने सरकार से सुरक्षा की बात उठाई, सरकार सहुलियते क्या दे रही है, ये सवाल खड़े हुए किन्तु दुःख इस बात का है कि लगभग अब सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में और अंतिम वर्ष में भी प्रथम वर्ष में उठाये गये सवाल ज्यों के त्यों है। स्पष्ट है सरकार फोटोअप और राजनैतिक शोशेबाजी के लिए आयोजन करती है, बड़े-बड़े विज्ञापन निकलते है, मीडिया अवसर उत्पन्न किये जाते है किन्तु न सारी कवायदो से राज्य कितना लाभांवित हो रहा है यह भी तो देखा जाये।
उन्होनंे कहा कि यू0पी0 में निवेश की असीम संभावनाये है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है किन्तु निवेश के लिए जो आधारभूत ढ़ाचे को विकसित किया जाना है उसमें पूरी तौर पर सरकार फेल है प्रवासी दिवस सम्मेलन में आये प्रवासियों के सामने न तो सरकार कोई खाका खीच पाई न ही उसके पास कोई प्रारूप था कि किन-किन क्षेत्रों में प्रवासी निवेश के लिए उत्सुक हो तो सरकार उन्हें क्या-क्या सहुलियते देगी। प्रदेश में औद्योगिक संकुल बदहाली की स्थिति में है वहां के आधारभूत ढ़ाचे के लिए लगातार जो औद्योगिक इकाईयों को संचालित करने वाले लोग सरकार से गुहार कर रहे है पर सरकार के पास समय नहीं है कि वो इन चीजों पर विचार भी कर सके हाँ फोटोअप प्रचार अभियान और बड़े-बड़े विज्ञापनों में ‘‘बन रहा है आज संवर रहा है कल’’ जरूर दिखाई दे रहा है।
श्री पाठक ने कहा सरकार बताये कि जो एमओयू हस्तक्षर हुये है वो कितने के है और किन-किन क्षेत्रों के लिए है। सरकार ने मुम्बई समिट में कहा कि हरदुवागंज परियोजना निवेश है जबकि वास्तविकता है कि उसमें तो-सिवा कार्यदायी संस्था है। उन्होंने कहा पूरे प्रवासी दिवस सम्मेलन में अफरा-तफरी का आलम रहा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उद्बोधन के समय अपने मंत्री, परिजनों के नाम तो याद रहे किन्तु अतिथियों के नाम तक भूल गये। कितने लोग आ रहे है, इस तक की सूचना सरकार के पास नहीं थी सतनाम सिंह चहल के मामले में मंत्री तक को हस्तक्षेप करना पड़ा, माॅफी मांगनी पड़ी।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सरकार आयोजन करे लोगों को बुलाये प्रदेश में विकास की सम्भावनाओ को तलाशे किन्तु ऐसा न हो कि सैफई महोत्सव की तरह प्रवासी दिवस सम्मेलन फैमली शो बन कर न रह जाये। जो सुझाव आये है, जो आशंकाये जताई गयी है उनके समाधान भी किये जाये।