सऊदी सरकार इस्लाम और मानवता की दोषी है: कल्बे जवाद
लखनऊ: मजलिसे उलमाये हिन्द के बेनर तले आयोजित शिया धर्मगुरू शेख बाकिर अल निम्र कि शहादत पर सऊदी अरब सरकार के अत्याचार और आतंक के खिलाफ आज छोटे इमामबाड़े पर विरोध प्रदर्शन हुआ। उलमा ने छोटे इमामबाड़े पर हजारों प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और उसके बाद सभी प्रदर्शनकारी जुलूस की शक्ल में हुसैनाबाद घंटाघर होते हुए बड़े इमामबाड़े तक आए ।
बड़े इमामबाड़े पर मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद के खून में तानाशाह सरकारों के सिंहासन और ताज बह जाते हैं। शहीद के खून की हर बूंद अत्याचार के अंत की घोषणा करती है। दुनिया का सबसे महान दर्जा शहादत का मूल्यांकन है। उन्होंने कहा कि कुरान ने घोषणा की है कि क्यामत के दिन कुछ जंगली जानवरों को कयामत के मैदान में लाया जाएगा, भला मैदान ए कयामत में जंगली जानवरों का किया काम है? पशु किसी जुर्म के दोषी नहीं होते हैं, मूल बात ये है इस जंगली जानवर का मतलब आतंकवादी और जालिम हैं जिन्हें मैदान ए कयामत में अपमान के साथ घसीट कर लाया जाईगा।
मौलाना ने कहा कि कोई भी सरकार अत्याचार के आधार पर स्थापित नहीं रह सकती जिस तरह फिरओन और यजीद की सरकार खत्म हो गई इसी तरह सऊदी सरकार भी समाप्त होकर रहेगी। कोई यह न समझे कि सऊदी सरकार शियों की दुश्मन है, सऊदी सरकार ने केवल शेख बाकिर उल निम्र को शहीद नहीं किया है बल्कि सुन्नी और हन्फी आलिम की भी हत्या की है, इसलिए सुन्नियों पर अनिवार्य है कि वह सऊदी आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करें । सऊदी अरब मानवता और इस्लाम का दोषी है।
मौलाना ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व संरक्षण मानवाधिकार संगठनों से अपील की है वह सऊदी अरब को मानवाधिकार आयोग की अध्यक्षता से हटाया जाए । संयुक्त राष्ट्र से उनकी सदस्यता समाप्त की जाए और हज की सभी व्यवस्था उनसे लेकर विश्व समुदाय के हवाले हूँ क्योंकि यह इसके लायक नहीं हैं कि हज की व्यवस्था करें। यह क्रूर और आतंकवादी सरकार है,पुरी दुनिया में आले सऊद के फैलाया हुये आतंकवाद शिकार है। यह वहाबी सरकार हर अत्याचार और हर आतंकवाद का आरोप अल्लाह पर डाल देती है। हज में हजारों हाजियों को एक षहजादे की वजह से मौत के धाट उतार दिया गया और उनकी सरकार कहती रही कि यही अल्लाह की मरजी थी।
मौलाना ने कहा कि शहीद बाकिर उल निम्र के हत्यारों को सजा दी जाए और सऊदी अरब का वैश्विक स्तर पर बहिष्कार किया जाये।मौलाना ने जनता से अपील की वे सऊदी दूतावास, संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार आयोग को सऊदी के अत्याचार और आतंक के खिलाफ ईमेल करें ।मौलाना ने कहा कि भारत सरकार को सऊदी अरब के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए, सऊदी अरब से राजनयिक संबंध समाप्त किए जाएं अगर ऐसा नहीं होता तो हम समझेंगे कि भारत की विदेश नीति इसराइल समर्थक है।
मौलाना हसनैन बकाई ने सऊदी सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि यह सऊदी सरकार यहूदी समर्थक सरकार है। वह हर काम इसराइल की खुशी के लिए करती है तो मुसलमानों पर अनिवार्य है कि ऐसी इस्लाम दुश्मन सरकार का बहिष्कार किया जाए।
इस विरोध रैली में मौलाना अम्मार बरकाती प्रिंसिपल मदरसा दारूल उलूम, मौलाना शबाहत हुसैन, मोलान एहतेशाम हुसैन, मौलाना मूसी रजा, मौलाना जव्वार हुसैन, मौलाना अली हैदर और अन्य शिया व सुन्नी उलमा मौजूद रहे। प्रदर्षनकारी सऊदी अरब की क्रूर और आतंकी सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उनके हाथो में सऊदी के खिलाफ लिखे प्लिे कार्ड मौजूद थे जिन पर सऊदी, इजरायल और अमेरिका विरोधी नारे लिखे हुए थे।जलसे का संचालन आलि फराज ने किया।