सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिपिक पदों पर इंटरव्यू ख़त्म
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिपिक और अन्य नीचे के पदों पर नियुक्ति के लिये लिखित परीक्षा कड़ी करने को कहा है क्योंकि इन पदों पर अब कोई साक्षात्कार नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निचले पदों पर साक्षात्कार नहीं कराने के निर्देश के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव का फैसला किया गया है।
वित्तीय सेवा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 27 बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा, ‘..सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक साक्षात्कार नहीं लेने के बदले लिखित परीक्षा को मजबूत करने के लिये अन्य विकल्प तलाश सकते हैं। इसमें बुद्धि परीक्षण (साइकोमेट्रिक टेस्ट) आदि शामिल हैं।’ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिपिक और नीचे के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में साक्षात्कार समाप्त करने के लिये 31 दिसंबर 2015 तक ‘जरूरी कार्यवाही’ करने को कहा है।
मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की समिति ने 13 नवंबर को हुई बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कनिष्ठ स्तर के पदों के लिये साक्षात्कार समाप्त करने की सिफारिश की थी। मोदी ने यह घोषणा की थी कि एक जनवरी 2016 से तीन और चार श्रेणी के पदों के लिये कोई साक्षात्कार नहीं होगा। उन्होंने इसे युवाओं को ‘नये साल का तोहफा’ तथा भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया था। ऐसे मामलों में जहां मंत्रालय या विभाग नियुक्ति प्रक्रिया में साक्षात्कार जारी रखना चाहता है, इस बारे में संबद्ध मंत्री से मंजूरी लेकर विस्तृत प्रस्ताव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजेगा। मंत्रालयों से इस संदर्भ में सात जनवरी तक रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।