लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर अपना रुख व्यक्त करते हुए मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने सरकारों के व्यवहार की निंदा की और कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में पत्थर आ चुके हैं और उन्हें तराशने का काम जोरों पर है साथ ही मंदिर के निर्माण के लिए तैयार किया गया नक्शा भी वहाँ रखा गया है।  इस पूरे मुद्दे पर राज्य व केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन जैसे ही एक मुसलमान ने बाबरी मस्जिद निर्माण के लिये नक्शा बनाया उसके खिलाफ राज्य सरकार ने मुकदमा दायर कर दिया। यह दोहरा मापदंड निंदनीय है। 

मौलाना ने अपने बयान में कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि कोई भी सरकार मुसलमानों की सहानुभूति नहीं है इस घटना के बाद राज्य सरकार का चेहरा भी मुसलमानों के सामने उजागर हो चुका है । मौलाना ने कहा कि वक्फ बचाओ आंदोलन मुहर्रम के मद्देनजर स्थगित किया गया था अब इस आंदोलन को फिर से उसी पैमाने पर शुरू किया जाएगा । शीघ्र ही इस संबंध में विद्वानों,उलमा और अन्जूमनों की बैठक की जाएगी। 

मौलाना ने आगे कहा कि इस समय लखनऊ के अलावा बाहर भी वक्फ बेचे जा रहे हैं और इस पूरे खेल में वक्फ बोर्ड, प्रशासन और सरकार मिली हुई है। मौलाना ने कहा कि जब भी कोई बड़ा अधिकारी आता है वे बिल्डरों से साठगांठ कर लेता है और फिर सम्बंधित भूमि पर प्लाटिंग शुरू हो जाती है । चुनाव  सिर पर है इसलिए जमीनें बेचकर चुनाव फंड इकट्ठा किया जा रहा है इसलिए अब वक्फ बचाओ आंदोलन फिर से बड़े पैमाने पर शुरू होने जा रहा है। 

वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सख्त रूख व्यक्त करते हुए मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव ने कहा कि इस समय मुसलमानों को चाहिए कि हर जगह जुल्म और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ खुलकर विरोध प्रदर्शन करें। मौलाना ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि जब मुसलमान मुसलमान को मारता है तो किसी मुसलमान मुफ्ती का कोई फतवा नहीं आता लेकिन जब एक अंग्रेज और अमेरिकन की हत्या हो जाती तो फतवों पर फतवे आने लगते हैं यह उनकी मानसिक गुलामी की दलील है । लखनऊ के मौलवियों ने आई0एस0 के समर्थन में फतवे दिए और कहा कि वह अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस समय इमाम बाड़ों, मस्जिदों और मुसलमानों पर आत्मघाती हमले होते हैं तब इन मौलवियों का निंदा मैं बयान नहीं आता और नहीं वो इस आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करते है। मौलाना ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि मुस्लिम मौलवी और मुफ्ती आतंकवाद के खिलाफ कभी स्पष्ट जवाब नहीं देते सिर्फ इतना कहते हैं कि हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं। मौलाना ने कहा कि नाइजीरिया के लिए किसी मोलवी का निंदा मै बयान नहीं आया,हद यह है कि नाइजीरिया के लिए जो विरोध हुआ उसमें भी जनता के अलावा मौलवी नजर नहीं आए,छोटे इमामबाड़े में नाइजीरिया के लिए जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था वह शहर ए लखनऊ के लागों, विद्वानों और उलमा की और से रखा गया था लेकिन लोग तो आये मगर न बुद्धिजीवी दिखे और न ही उलमा। वो लोग जिनको हमेशा शिकायत रहती है कि बुद्धिजीवियों को नहीं बुलाया जाता है वह भी नजर नहीं आए और न ही नाइजीरिया के लिए कोई विरोध प्रदर्शन किया।