जेटली पर आरोपों की नई फेहरिस्त
‘आप’ ने दिखाई अरुण जेटली की दो चिट्ठियां
नई दिल्ली: ‘आप’ नेता आशुतोष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डीडीसीए में वित्तमंत्री अरुण जेटली की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि डीडीसीए मामले पर जेटली जांच का स्वागत क्यों नहीं कर रहे।
आम आदमी पार्टी आज वित्तमंत्री अरुण जेटली पर आरोपों की नई फेहरिस्त लेकर सामने आई। पार्टी ने दावा किया कि अरुण जेटली ने 2011 और 2012 में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को चिट्ठियां लिखीं और डीडीसीए में भ्रष्टाचार के एक मामले में जारी जांच बंद करने के लिए कहा।
आम आदमी पार्टी जेटली के खिलाफ आरोपों की नई फेहरिस्त लेकर सामने आई है। पार्टी ने दावा किया है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 27 अक्टूबर 2011 को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीके गुप्ता को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में जेटली ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में पुलिस अधिकारियों से मामला बंद करने के लिए कहा था। आप के मुताबिक, सिंडिकैट बैंक क्रिकेट क्लब से जुड़ी शिकायतों के मामले में जेटली ने बीके गुप्ता को लिखा कि ” मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मामले को न्यायपूर्ण ढंग से देखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यह बंद हो क्योंकि डीडीसीए ने इसमें कुछ भी ग़लत नहीं किया है।”
पार्टी ने कहा कि जेटली उस वक़्त राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे और उन्होंने अपने संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया। हालांकि जेटली ने यह चिट्ठी डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर लिखी थी और इसके लेटर हेड में राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न कहीं नहीं था। आम आदमी पार्टी ने यह दावा भी किया कि मई 2012 में जेटली ने दिल्ली के तत्कालीन विशेष पुलिस कमिश्नर रंजीत नारायण को एक और चिट्ठी लिखी और कहा कि मामले में मिली शिकायतें अप्रमाणित (Unsubstantiated) हैं और किसी अपराध का खुलासा नहीं करती। बार-बार होने वाले सवालों से डीडीसीए के कुछ लोग तंग आ गए हैं। लिहाज़ा इसे बंद किया जाए, क्योंकि डीडीसीए ने इसमें कुछ भी ग़लत नहीं किया है।
‘आप’ ने दावा किया कि जेटली ने यह चिट्ठियां लिखकर भ्रष्टाचार के मामले में जारी जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है, जो एक अपराध है, इसलिए उन्हें फौरन इस्तीफा देना चाहिए। ज़ाहिर है आप की रणनीति डीडीसीए मामले को लंबा खींच कर जेटली की मुश्किलें बढ़ाने की है।