आज भी सरकारों की उपेक्षाओं का शिकार है घुमंतू समाज: एहसानुलहक मलिक
लखनऊ: सैकड़ों वर्षों से घुमंतू समाज अंधेरे से उजाले की खोज में केंद्र व राज्य सरकार की मदद करने की अपील करता रहा है लेकिन केंद्रीय एवं राज्य सरकारों ने आज तक प्रकाश की एक भी किरण नहीं दिया है। उनके सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह जीवन के सभी क्षेत्रों में इतने पिछड़ चुके हैं कि अगर आज इन के हालत की सुधार की जाए तो उनके निर्माण में पचास साल लग जाएंगे। यह बातें लक्ष्मण मेला मैदान में मुस्लिम नट समाज की महापंचायत में पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसान उल मलिक ने कहीं ।
पंचायत को संबोधित करते हुए शिव नारायण कुशवाहा ने कहा कि आज देश में यह समाज अन्य समाज से अलग थलग पड़ा हुआ है आज भी देश के लोग उन्हें समाज में जगह नहीं देना चाहते हैं जो समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैंए
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दानिश अख्वी ने सरकार से मांग की कि रैनके आयोग 2006 की रिपोर्ट तुरंत लागू किया जाए इन जातियों के लिए बोर्डिंग की व्यवस्था की जाए ताकि इस समाज के बच्चों के लिए शिक्षा का बहतर प्रबंधन हो सके। बोर्डिंग सभी जिलों में स्थापित किया जाये जिन लोगों के लिए मकान नहीं है उन्हें तुरंत मकान दिए जाएं, जिप्सी जो 36 जातियों के नाम से जाने जाते हैं उन्हें दर नीचे सूचीबद्ध किया जाएए इस समाज के पास कृषि के लिए भूमि नहीं है उन्हें पूरे देश में आंदोलन चलाकर कृषि भूमि मुहैया कराई जाएए इस समाज के लोगों को बैंकों से ऋण बिना ब्याज के दिया जाए, उनके रोजगार की व्यवस्था की जाए।
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक अख्वी ने कहा अगर राज्य सरकारें अगर हमारी मांगों को सीधे तौर पर नहीं मानती हैं और सर्वेक्षण करा कर उन पर ठोस कार्रवाई नहीं करती तो हमारा समाज और अन्य घुमंतू समाज के लोग मिलकर पूरे देश में आंदोलन खड़ा करेंगे जैसा कि जाट समाज और गुर्जरों ने आंदोलन छेड़ा था।
महापंचायत को गुलाम अली अख्वी, शकील अख्वी, दिनेश नागर, सैन बाबा, बहादुर अली, सतीश चंद्र नायक, अंदर पाल सिंहए लाल मोहम्मद अख्वी, हबीब अहमद अख्वी, इन्साफ अली अख्वी, पिंकी देवी अख्वी, अफसाना बेगम अख्वी, रेशमा अख्वी, ओमप्रकाश, आसिफ अख्वी ने भी संबोधित किया।