अखिलेश सरकार ने चार वर्षों में कितने बेरोजगारों को कितनी नौकरियां दी? पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा नौजवानों को रोजगार दिलाने जाने की बात करने को छलावा बताते हुए सवाल किया कि मुख्यमंत्री यह तो बताये इन चार वर्षों में बेरोजगारों को कितनी नौकरियंा दी? प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार ने युवाओं से नौकरियों के वादे तो किये, दावे भी किये पर सरकार की नीति और नियति के कारण युवाओं को नौकरियां मिल नहीं पायी। राज्य में सक्रिय भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र का परिणाम रहा कि नौकरियां उपलब्ध कराने के लिए बनाये गये आयोग तक सवालों के घेरे में है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कथन कि हर विभाग में नौकरियां निकाल रहे हैं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में एक तो नौकरियां नही निकल रही और जो भी निकल रही है,उनमें पारदर्शी प्रक्रिया न होने के कारण कहीं न कहीं वे सवालों के घेरे में आ रही है। लोग बडी आशा और भरोसे के साथ नौकरियों के लिए आवेदन पत्र भरते हैं कई बार तो परीक्षा तक हो जाती है, साक्षात्कार तक हो जाते हैं किन्तु जब नियुक्ती पत्र जारी होने की बारी होती है तो पता लगता है कि मामला न्यायालय में बिचाराधीन है, अब नौवजवान उसकी प्रतिक्षा में रहता है कि कब उसे नौकरी मिलेगी। नौकरियां विवाद में आती हैं क्योंकि सरकार की व्यवस्था पारदर्शी नहीं है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर सत्ता में आयी समाजवादी पार्टी सरकार ने बेरोजगारों के साथ छल और छलावा किया है। बेरोजगारी भत्ता तो बांट नहीं पायी बेरोजगारों को मिलने वाली नौकरियों पर सरकार की नीतियोें के कारण ग्रहण लगा नौकरियां देने के बडे़-2 वादे दावे होते रहे किन्तु सच यह है कि कुछ सौ चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए लाखों में आवेदन आये, चर्चा हुई किन्तु नौकरियों की क्या स्थिति है आजतक पता नहीं चल पाया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश सरकार नौकरियां देने के दावे वादों के साथ न्याय भी करे कथनी और करनी की स्थिति यह है कि आज मुख्यमंत्री आगरा में कह रहे हेैं कि सभी विभागों में नौकरियां निकालने के लिए कहा गया है किन्तु पिछले चार वर्षों मे जो स्थान रिक्त थे उन्हें समय बद्ध ढग से अभियान चलाकर भरने के प्रयास क्यों नहीं हुए, इसका जवाब तक देने की स्थिति में नहीं है।