विकलांगों के लिए ‘दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग करें: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर दूरदर्शन तथा रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से सीधी बातचीत में सभी देशवासियों को क्रिसमस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और 2016 के नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने भारत सरकार द्वारा चलाई गई पहल योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना ने गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। इस स्कीम के तहत 40,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में जमा की गई। इससे देश के 15 करोड़ लोगों को सीधे लाभ पहुंचा। लाभार्थियों तथा सरकारी पैसे के बीच से सभी बिचौलियों, दलालों को हटा दिया गया। इससे भ्रष्टाचार भी कम हुआ और लोगों तक मदद भी पहुंच सकी।
बाबा साहेब अंबेडकर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश उनकी 125वीं शताब्दी मना रहा है। ऐसे में संसद ने संविधान पर दो दिवसीय चर्चा की जो बहुत ही सफल प्रयोग रहा। उन्होंने सभी पार्टियों की सराहना भी की।
26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। परन्तु क्या हम अपने शहर के महापुरुषों के स्मारक, स्मृतियों की 26 जनवरी पर एक सजग नागरिक के तौर पर सफाई कर करते हैं। यह आपसे आग्रह है कि इसे सरकारी आव्हान न समझें बल्कि देश के प्रति, समाज के प्रति अपना सहज कर्तव्य निभाते हुए इन स्थानों की सफाई करें, अपना कर्तव्य निभाएं।
उन्होंने मध्यप्रदेश के एक कारीगर दिलीप सिंह मालविया की सराहना करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें मैटेरियल प्रोवाइड करवाता है तो वह शौचालय बनाने की मजदूरी नहीं लेते। अब तक वो 100 शौचालयों का निर्माण कर चुके हैं।
‘स्टार्ट अप इंडिया’ तथा ‘स्टैंड अप इंडिया’ का एक्शन प्लान लॉन्च करने की योजना पर बात करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में आईआईटी, आईआईएम, सेंट्रल यूनिवर्सिटी व एनआईटी को लाइव कनेक्टिविटी द्वारा जोड़ा जाएगा। इन दोनों ही योजनाओं को 16 जनवरी को लॉन्च किया जाएगा।
विकलांगों की पीड़ा को उठाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किसी हादसे में शिकार होने के कारण कुछ लोग अपना कोई अंग गंवा देते हैं, कुछ को जन्मजात क्षति रह जाती है। ऐसे लोगों के लिए कभी हैंडीकैप, कभी डिसेबल तो कभी स्पेशियली एबल्ड पर्सन जैसे शब्द समाज में प्रचलित हैं। क्यों न हम इनके लिए ‘दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग करें। क्योंकि प्रकृति ने इन्हें कोई न कोई विशेष योग्यता जरूर दी होती है।
मन की बात में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्तव्य की बात बहुत कम होती है। चुनाव के समय भी मतदान का चारों तरफ प्रचार होता है, मतदान के लिए ही कर्तव्य की बात की जाती है परन्तु आम जीवन में कर्तव्य की बात नहीं की जाती। मोदी ने देश के युवाओं से आग्रह किया, ‘आप सभी लोग ‘कर्तव्य’ शब्द पर हिंदी, अंग्रेजी अथवा अन्य भारतीय भाषाओं में अपने विचार लिख कर उन्हें भेजें। मैंं कर्तव्य शब्द पर आपके विचार जानना चाहता हूं।’
पीएम मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे नरेन्द्र मोदी एप पर उन्हें सुझाव भेजें। इन सुझावों के आधार पर उन्हें देशवासियों की भावना को समझने में सहजता होगी तथा देश की समस्याओं के निराकरण में सहयोग मिल सकेगा।